हैदराबद में हुए नरसंहार को बताने 26 अप्रैल को रिलीज होगी ‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’, फिल्म की टीम ने सरदार पटेल को किया नमन

1947 में भारत को आज़ादी मिली, इसके बाद हैदराबाद में एक नरसंहार हुआ। इसके बारे में ना लोगों को ज्यादा पता है और ना ही ने बताया। इस नरसंहार पर आधारित फिल्म ‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’ पैन इंडिया 26 अप्रैल को रिलीज होने जा रही है। यह फ़िल्म हिंदी के साथ तेलुगु, तमिल, कन्नड़ के साथ मलयालम में भी बड़े पर्दे पर रिलीज होगी। इस फिल्म को गुदुर नारायण रेड्डी ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म की स्टार कास्ट मकरंद देशपांडे, तेज सप्रू, राज अर्जुन, अभिनेत्री अनुसृया त्रिपाठी का नाम शामिल है। इसी बीच फ़िल्म के निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी और फिल्म की कास्ट गुजरात स्थित “स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी” पहुंची। यहां पहुंच कर उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद किया और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

आपको बता दें, सरदार पटेल ही एकमात्र ऐसे नेता थे, जिन्होंने हैदराबाद का भारत में विलय करवाया था। फिल्म निर्माता गुदुर रेड्डी का कहना है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल फादर ऑफ हैदराबाद हैं। अगर वह नहीं होते, तो आज हैदराबाद भारत का हिस्सा नहीं होता। स्टैचू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है, इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

फ़िल्म में सरदार वल्लभ भाई पटेल का किरदार तेज सप्रू निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को पर्दे पर निभाना मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। आज मैं स्टैचू ऑफ यूनिटी में आया हूं, तो यह मेरे लिए बहुत ही गर्व का पल है। यहां से सन्देश पूरे देश को जाएगा कि यह फ़िल्म सभी को देखनी चाहिए। वहीं, फिल्म निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी ने कहा कि रज़ाकार को साउथ इंडिया की भाषाओं के साथ अब हिंदी में भी बड़े पर्दे पर रिलीज किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि हम इस नरसंहार की कहानी देश के कोने कोने तक पहुंचाना चाहते हैं। हम लोगों को रजाकारों के अत्याचारों की कहानी बताना चाह रहे हैं। हमें लगता है कि स्टैचू ऑफ यूनिटी से यह भी बताना चाहते हैं कि लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश को एक किया, इसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष भी किया है। हमें उनके इस कारनामे को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।

देखें ट्रेलर-

ट्रेलर की शुरुआत में औरतों, बच्चों और बुजुर्गों पर अत्याचार होते हैं इस बीच हैदराबाद के निज़ाम का आदेश आता है कि ‘ओमकार सुनाई नहीं देना चाहिये और भगवा दिखाई नहीं देना चाहिए’। दूसरी तरफ निज़ाम के पास सरदार पटेल का संदेश आता है। इसमें कहा जाता है कि हैदराबाद को हिंदुस्तान में विलय नहीं किया तो हालात बिगड़ जाएंगे। इस अत्याचार से मुक्ति के लिए भारतीय फौज और बहादुर फ्रीडम फाइटर साथ आते हैं। इस बीच सरदार पटेल का संवाद आता है कि ना संधि ना समर्पण अब बस युद्ध होगा। इससे एक अलग प्रकार का जोश भर जाता है। समरवीर क्रिएशन एलएलपी के बैनर तले निर्मित फ़िल्म ‘रज़ाकार द साइलेंट जेनोसाइड ऑफ़ हैदराबाद’ के निर्माता गुदुर नारायण रेड्डी हैं। फिल्म को यता सत्यानारयणा ने डायरेक्ट किया है। फिल्म 26 अप्रैल को पूरे भारत को हैदराबाद के साइलेंट नरसंहार की कहानी बताने आ रही है।

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