नई दिल्ली। अरविन्द केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने की मंजूरी की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल से दिल्ली सरकार चलाने के लिए पर्याप्त सुविधाएं देने का निर्देश देने की मांग की गई है।
केजरीवाल 21 मार्च से हिरासत में हैं, जब उन्हें दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया गया था। उन्हें 1 अप्रैल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। जनहित याचिका श्रीकांत प्रसाद नामक व्यक्ति ने दायर की है। उन्होंने दिल्ली सरकार के कामकाज के लिए केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा के सदस्यों और कैबिनेट मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा प्रदान करने के निर्देश देने की मांग की है।
प्रसाद ने कहा कि दिल्ली सरकार की योजनाओं से दिल्ली के लोगों को फायदा हुआ है और वैश्विक मीडिया के साथ-साथ कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों ने भी उनकी सराहना की है। याचिकाकर्ता ने मीडिया चैनलों को केजरीवाल के इस्तीफे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने से संबंधित दबाव बनाने और सनसनीखेज सुर्खियां प्रसारित करने से रोकने के निर्देश देने की मांग की है।
याचिका में तर्क रखा गया है कि आज की तारीख में इस विशेष मुद्दे पर मीडिया का आचरण 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में 62 सीटों के भारी बहुमत से नियुक्त मुख्यमंत्री दिल्ली के नागरिकों और जनता के प्रति बहुत पूर्वाग्रहपूर्ण है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहा है। याचिका में आगे मांग की गई है कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री के इस्तीफे के लिए अवैध तरीकों से विरोध या बयान के माध्यम से कोई भी अनुचित दबाव बनाने से रोका जाना चाहिए।
इससे पहले भी दायर की गई थीं तीन याचिकाएं
गौरतलब है कि इससे पहले केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई थीं। उच्च न्यायालय ने सुरजीत सिंह यादव द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और विष्णु गुप्ता नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक संदीप कुमार की याचिका पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
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