कोरबा, 15 अप्रैल । करियर पब्लिक स्कूल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर शनिवार को एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में कृष्णा पब्लिक स्कूल,भिलाई से शिक्षा अधिकारी श्री आर.एस.पांडे और दिल्ली पब्लिक स्कूल, बिलासपुर से श्रीमती मनीषा फ्रांसिस उपस्थित थे। इस कार्यशाला में कोरबा जिले में स्थित अलग-अलग सीबीएसई स्कूलों के लगभग 60 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला का शुभारंभ विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती किरण तिवारी के संबोधन से किया गया, जिसमें उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित मास्टर ट्रेनर्स का कार्यशाला में स्वागत किया और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति नवाचार से संबंधित एक अद्वितीय पहल है,यह 21वीं सदी की जरूरत के अनुरूप स्कूलों की शिक्षा को अधिक लचीला ,समग्र और बहुविषयक बनाकर देश को एक जीवंत ज्ञान वाले समाज और वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में परिवर्तित करना है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अब सभी स्कूलों में 3 साल के प्री प्राइमरी के बाद कक्षा शुरू होगी।इसके बाद कक्षा तीन से पांचवी के 3 साल शामिल किए गए हैं, इसके बाद 3 साल के मिडिल स्टेज में कक्षा 6 से 8 तक की कक्षा चलेगी, चौथा स्टेज कक्षा 9 से 12वीं तक 4 साल का होगा। स्कूलों में अब 10 + 2 की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का पैटर्न लागू होगा।यह बातें नई राष्ट्रीय नीति के तहत शिक्षकों के लिए आयोजित कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर आर. एस.पांडे ने कहीं उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत वर्ष 2030 तक छात्रों के नामांकन अनुपात को 100% लाने का लक्ष्य रखा गया है।स्कूलों में शिक्षण के माध्यम के रूप में भाषा की जटिलता को दूर करने के लिए पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों को मातृभाषा के रूप में स्थानीय बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया जाने पर बोल दिया गया है, तत्पश्चात मास्टर ट्रेनर मनीषा फ्रांसिस ने कहा की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब स्कूली शिक्षा को रोजगार उन्मुक्त बनाने पर बल दिया गया है,अब मिडिल स्कूलों में कक्षा 6 से ही व्यावसायिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू की जाएगी।नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों के बस्ते के बोझ को भी कम से कम करने का प्रावधान किया गया है।कार्यशाला में स्कूली बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से संबंधित विभिन्न तकनीकियों के बारे में प्रशिक्षकों ने विस्तार से जानकारी दी।
दोनों ही रिसोर्स पर्सन ने नई शिक्षा नीति 2020 की अनिवार्यताओं पर जोर दिया। सत्र के दौरान कई गतिविधियां हुईं। कुछ शिक्षकों ने भूमिका निभाकर दर्शाया कि एनईपी शिक्षण-सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने में कैसे मदद कर सकता है। कार्यशाला को 5 सत्रों में विभाजित किया गया था और कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों ने सत्रों का आनंद लिया और एनईपी की अनूठी विशेषताओं को सीखा, जो छात्रों के समग्र विकास पर केंद्रित है और इसका लक्ष्य ऐसे वैश्विक नागरिक बनाना है जो किसी का शिकार हुए बिना सफलतापूर्वक अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
इस कार्यशाला के दौरान विद्यालय के चेयरमैन श्री मनीष रजोरिया तथा डायरेक्टर श्री प्रदीप जैन डिजिटल मीडिया के माध्यम से शुरू से अंत तक कार्यक्रम से जुड़े रहे और अंत में कार्यक्रम के सफल आयोजन पर खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा की निश्चित तौर पर नई शिक्षा नीति बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी। तत्पश्चात विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका ने वहां उपस्थित सभी जनों को कार्यक्रम में उपस्थित रहने और अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।
[metaslider id="347522"]