Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि 2024 के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त और सही विधि

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता को ‘पद्मासना’ देवी कहा जाता है. इनकी चार भुजाएं होती हैं. इनके दाहिने हाथ में कमल का फूल, बाएं हाथ में तलवार, ऊपरी दाहिने हाथ में वरमुद्रा और ऊपरी बाएं हाथ में अभयमुद्रा होती है. मां स्कंदमाता सिंह पर सवार रहती हैं. मां स्कंदमाता को शक्ति और वीरता की देवी माना जाता है. इनकी पूजा करने से भक्तों को शक्ति, बुद्धि, विजय और सद्गुणों की प्राप्ति होती है. मां स्कंदमाता विद्या और ज्ञान की भी देवी हैं. इनकी पूजा करने से विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है. 

पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि प्रारंभ 13 अप्रैल 2024, सुबह 06:24 बजे

पंचमी तिथि समापन 14 अप्रैल 2024, सुबह 05:11 बजे

अभिजीत मुहूर्त 13 अप्रैल 2024, दोपहर 12:13 बजे से 12:58 बजे तक

पांचवे दिन की पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. अपने पूजा स्थान को साफ-सुथरा कर लें. मां स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. प्रतिमा/तस्वीर को फूलों, माला, रोली, चंदन, अक्षत आदि से सजाएं. दीप जलाएं और धूप करें. मां स्कंदमाता का ध्यान करें और मंत्रों का जाप करें.

पांचवे दिन का मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नमः

मां स्कंदमाता की आरती

जय जय स्कंदमाता जग जननी,
पद्मासना पर विराजमान.
चार भुजा धरती शक्ति,
सिंह पर सवार रानी.

कमल हाथ में वरदानी,
तलवार से शत्रु नाशनी.
अभय मुद्रा से दया दिखाती,
भक्तों की रक्षा करती.

मां स्कंदमाता की स्तुति

सिंहवाहिनी शिवदुहिता,
ब्रह्माचारिणी त्रिनेत्रा.
स्कंदमाता जगन्माता,
पद्मासना पर विराजिता.

कमल हाथ में वरदानी,
तलवार से शत्रु नाशनी.
अभय मुद्रा से दया दिखाती,
भक्तों की रक्षा करती.

मां स्कंदमाता की प्रसाद

पांचवे दिन मां स्कंदमाता को लाल रंग का भोग लगाया जाता है. आप उन्हें लाल फल, लाल मिठाई, और लाल रंग के व्यंजन जैसे कि सब्जी, खीर, आदि का भोग लगा सकते हैं.