0 सिंचाई कालोनी बरपाली में श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ आयोजित
कोरबा, 11 अप्रैल । कन्या ,पुत्रवधु ,भतीजी ,भांजी ये पुत्री समान होते हैं इन पर कुदृष्टि डालने वाले मृत्युदंड के भागी होते हैं। यही वजह है कि भगवान श्री राम ने बाली को भाईबहु (सुग्रीव )की पत्नी का अपहृत करने पर मृत्युदंड दिया।उक्त बातें तिलकेजा से पधारे कथाव्यास आचार्य आचार्य (पंडित )नूतन कुमार पाण्डेय ने सिंचाई कॉलोनी बरपाली स्थित मां मड़वारानी मंदिर में चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में दीपका निवासी शिवम जायसवाल द्वारा आयोजित श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवस आयोजित रामकथा के कथा प्रसंग के दौरान कही।
आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि अगर गुरु गुणी मिल जाए तो शिष्य धन्य हो जाता वहीं शिष्य श्रेष्ठ मिल जाए तो गुरु धन्य हो जाता है ,दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं।राम श्रेष्ठ शिष्य के प्रतीक हैं। आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि दुनिया मे दानों में सर्वश्रेष्ठ दान कन्यादान है इस दान के आगे संसार के सारे दान फीके हैं। उन्होंने राजा दशरथ -जनक संवाद का वर्णन करते हुए कहा कि कन्यादान प्राप्त करने वाले को राजा दशरथ जी की तरह हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए।अनुकरणीय उदाहरण पेश करना चाहिए। आचार्य श्री पांडेय ने कहा कि रावण से बड़ा शिवभक्त इस संसार मे कोई नहीं , रावण द्वारा प्रतिष्ठित शिवलिंग वहीं जगतकल्याण निमित्त प्रतिस्थापित हो गए ।
उन्होंने नवरात्रि में मां जगदम्बा की आराधना का बखान करते हुए कहा कि शिव जी ने भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त करने से पूर्व नवरात्रि करने की सलाह दी थी। विधि विधान से नवरात्रि में मां जगदम्बा की पूजा अर्चना कर भगवान श्री राम ने रावण को मारकर सहस्त्र आसुरी शक्ति का विनाश कर विभीषण को राज्याभिषेक कर सपत्नीक अयोध्या प्रस्थान किया। आचार्य श्री पांडेय उपस्थित श्रोताओं से कहा कि क्रोध करना उचित नहीं होता,लेकिन परिस्थितिजन्य क्रोध भी आवश्यक है।
दीपका निवासी शिवम जायसवाल द्वारा अपने उत्तम स्वास्थ्य ,शिक्षा निमित्त संकल्पित श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ महोत्सव का सिंचाई कालोनी बरपाली स्थित मां मड़वारानी मंदिर में आयोजन किया जा रहा है। पावन चैत्र नवरात्रि के दिन से शुरू हुआ यह पुनीत आयोजन नवमीं तिथि को हवन सहस्त्रधारा के साथ विराम होगा। कथा कार्यक्रमानुसार
12 अप्रैल को महिषासुर आदि दैत्यों का वध ,13 अप्रैल को वृत्तासुर ,रक्तबीज का वध ,च्यवन सुकन्या की कथा प्रसंग का वर्णन करेंगे। 14 अप्रैल को हरिश्चंद्र उपाख्यान,विश्वामित्र का छल ,15 अप्रैल को गंगावतरण एवं नरकों की कथा प्रसंग का वर्णन होगा। 16 अप्रैल को भ्रामरी देवी की कथा ,देवी पूजन विधि,कथा विश्राम ,भस्म और गायत्री की महत्ता एवं चढ़ोत्तरी होगी। अंतिम दिवस नवमीं तिथि 17 अप्रैल को तुलसी वर्षा ,हवन ,कपिलातर्पण ,सहस्त्रधारा,प्रसाद वितरण ,कन्या भोज ,ब्राम्हण भोजन ,गायत्री सहस्त्रनाम के पाठ के साथ पुनीत आयोजन संपन्न होगा। प्रतिदिवस शाम 4 बजे से रात 8 .30 बजे तक आचार्य (पंडित )नूतन कुमार पाण्डेय तिलकेजा वाले के श्री मुख से श्रोतागण कथामृत का रसपान करेंगे। सहयोगी आचार्यगण श्री भूपेंद्र कुमार पाण्डेय ,मोनू पाण्डेय ,विनायक पाण्डेय सहित म्यूजिकल टीम संगीतमय श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ महोत्सव संपन्न कराएंगे। 9 दिन तक सिंचाई कालोनी बरपाली माता की आराधना से गुंजायमान होगा।
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