कोरबा में अदा की गई ईद की नमाज, लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर दी मुबारकबाद

कोरबा, 11 अप्रैल I जिले में हर्षोल्लास के साथ ईद मनाई जा रही है। गुरुवार सुबह बच्चे-बड़े, बुजुर्ग सभी ने नए कपड़े पहनकर ईद की नमाज अदा की। इसके लिए शहर के मस्जिद में भारी संख्या में मुस्लिम धर्मावलंबी पहुंचे। ईद की नमाज अदा करने के बाद सभी ने गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।

कोरबा के सभी मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज अदा की गई। एक महीने तक रोजे रखने के बाद 10 अप्रैल को रात ईद के चांद का दीदार हुआ, जिसके बाद 11 अप्रैल को ईद मनाई जा रही है। इस मौके पर शहर की सभी मस्जिदों में रौनक है। एसईसीएल स्थित कोलियरी मस्जिद उद्यान में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सामूहिक रूप से ईद की विशेष नमाज अदा की।

टीपी नगर चौक स्थित गरीब नवाज मस्जिद में भी ईद के मौके पर समुदाय के लोगों में उत्साह देखा गया। त्योहार और भीड़ को देखते हुए शहर में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। मस्जिदों के आसपास बैरिकेडिंग कर यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चलाने की कोशिश की जा रही है। गाड़ियों की पार्किंग के लिए भी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

मस्जिद के बाहर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे। नमाज अदा करने के बाद मुस्लिम भाइयों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को मिठाई बांटी। वहीं लोगों ने घरों में भी बिरयानी और सेवईयों जैसे विशेष पकवान बनाए हैं।

30 दिनों तक रोजा रखने के बाद मनाते हैं ईद

इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग उर्दू कैलेंडर के अनुसार रमजान के महीने में 30 दिन का रोजा (उपवास) रखते हैं। इस दौरान सूर्योदय के पहले से लेकर सूर्यास्त तक लगभग 16-17 घंटे तक वे कुछ भी खाने-पीते नहीं हैं। मुस्लिम समाज के मुतवल्ली (अध्यक्ष) हनीफा खान ने बताया कि 30 दिनों का रोजा रखने पर अल्लाह की तरफ से ईद का तोहफा दिया जाता है।

इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद-उल-फितर का उत्सव शुरू हुआ था। माना जाता है कि पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी।

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