हम आपको कुछ ऐसे मसालों के बारे में बता रहे हैं, जो आसानी से आपको आपके किचन में मिल जाएंगे। यह आपके भोजन को स्वादिष्ट बनाने के साथ आपके फेफड़ों और श्वसन तंत्र को मजबूत करेंगे। इससे आप सांस संबंधी दिक्कतों को खुद से दूर रख सकते हैं।
हल्दी
किचन में मौजूद हल्दी कई सारी बीमारियों के खिलाफ रामबाण है। इसमें पाए जाने वाला यौगिक करक्यूमिन होता है। इसके अंदर शक्तिशाली एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, प्रदूषण के चलते संक्रमण से होने वाले श्वसन नली में होने वाले सूजन को कम करता है। साथ ही श्वसन तंत्र को इम्यूनिटी प्रदान करता है, जिससे फेफड़ों को संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
अदरक
अदरक भी मसाले की श्रेणी में गिना जाता है। इसमें पाया जाने एंटी इंफ्लेमेंटेरी और एंटी ऑक्सीडेंट सर्दी-जुकाम के खिलाफ बेहद प्रभावी है। साथ ही कफ को भी फेफड़ों को खत्म करने से मदद करता है, जिसकी मदद से श्वसन तंत्र इम्यून रहते हैं और आप सांस संबंधी परेशानियों से बचे रहते हैं।
लहसुन
मेडिसिनल गुणों के चलते लहसुन का सेवन खूब किया जाता है। इसका सेवन आपके आपका श्वसन तंत्र को फायदा पहुंचाता है। इसमें सल्फर का एलिसिन नाम का यौगिक होता है, जिसमें एंटी बैक्टेरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। लहसुन का सेवन सांस संबंधी संक्रमणों से बचाता है। यह जिद्दी से जिद्दी कफ को फेफड़ों से बाहर निकालने में मदद करता है।
पिज्जा
पिज्जा में यूज होने वाला ओरेगेनो भी एंटी ऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर है। इसमें एंटी वायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो आप को खांसी, जुखाम और ठंड लगने से बचाने के लिए आप ओरेगेनो तेल (ऑयल) का सेवन कर सकते हैं। किसी डिश में अगर आप ओरेगैनो का उपयोग कर सेवन करते हैं तो इसमें मौजूद गुण वायु प्रदूषण के चलते श्वसन संबंधी दिक्कतों से बचाता है।
लाल मिर्च
लाल मिर्च में कैपसेशिन नाम का कंपाउड होता है। इस यौगिक में दर्द निवारक गुण होता है। इसका सेवन आपके श्वसन तंत्र को साफ रखता है। साथ ही कफ से निजात दिलाता है। इसमें एंटी माइक्रोबायल गुण पाया जाता है जो प्रदूषण के चलते होने वाले सांस संबंधी संक्रमणों से आपको बचा सकता है। इसके अलावा चाय और सूप में इसका उपयोग कर सेवन करने से भी आपका श्वसन तंत्र बेहतर रहता है।
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