संसार में शून्य को संपूर्ण बनाने की शक्ति पराशक्ति जगदम्बा में ही निहित – आचार्य नूतन पांडेय

सिंचाई कालोनी बरपाली में श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ आयोजित

कोरबा, 10 अप्रैल। संसार मे जहां कुछ न हो (शून्य हो उस स्थल को संपूर्ण , मंगलमकारी बना देना ये पराशक्ति ही कर सकती हैं। यहीं ब्रम्हांड की मूल शक्ति हैं ,ब्रम्हांड की समूची शक्तियां इनके अधीन हैं। समस्त लोक इनकी शक्तियों से ही गतिमान हैं। यहां तक कि त्रिदेव में भी इन्हीं की शक्तियां समाहित हैं। पावन चैत्र नवरात्रि में ऐसी पराशक्ति मां अम्बा की आराधना यमभय से मुक्त रखने वाली अत्यंत फलदायी है।

उक्त बातें तिलकेजा से पधारे कथाव्यास आचार्य आचार्य (पंडित )नूतन कुमार पाण्डेय ने सिंचाई कॉलोनी बरपाली स्थित मां मड़वारानी मंदिर में चैत्र नवरात्रि के उपलक्ष्य में दीपका निवासी शिवम जायसवाल द्वारा आयोजित श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस आयोजित अम्बा यज्ञ के कथा प्रसंग के दौरान कही। आचार्य श्री पांडेय ने शुकदेव जन्म की कथा प्रसंग के दौरान उपस्थित श्रोताओं को बताया कि जिसको ईश्वर दुख देते हैं सबसे पहले उनकी मति (बुद्धि )का नाश कर देते हैं।,जब राजा परीक्षित का नाश होना था तो सबसे पहले कलयुग के प्रभाव वाली स्वर्ण मुकुट एवं मतिहीन होने से उन्होंने तपस्या में लीन ऋषि के गले में मृत सर्प डाल 7 दिवस के भीतर सर्पदंश से मृत्यु प्राप्त करने से श्रापित हुए। आचार्य श्री पांडेय ने श्रोताओं को बताया कि ईश्वर धातुओं में स्वर्ण में वास होता हैं लेकिन उसी स्वर्ण में जो परिश्रम से प्राप्त की जाती है,यही वजह है कि विभिन्न पूजाओं में स्वर्ण प्रतिमाओं का आव्हान कर पूजा करने से उसमें प्राण आवाहित हो जाते हैं।
दीपका निवासी शिवम जायसवाल द्वारा अपने उत्तम स्वास्थ्य ,शिक्षा निमित्त संकल्पित श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ महोत्सव का सिंचाई कालोनी बरपाली स्थित मां मड़वारानी मंदिर में आयोजन किया जा रहा है। पावन चैत्र नवरात्रि के दिन से शुरू हुआ यह पुनीत आयोजन नवमीं तिथि को हवन सहस्त्रधारा के साथ विराम होगा।

कथा कार्यक्रमानुसार 11 अप्रैल को कृष्ण चरित्र, 12 अप्रैल को महिषासुर आदि दैत्यों का वध ,13 अप्रैल को वृत्तासुर ,रक्तबीज का वध ,च्यवन सुकन्या की कथा प्रसंग का वर्णन करेंगे। 14 अप्रैल को हरिश्चंद्र उपाख्यान,विश्वामित्र का छल ,15 अप्रैल को गंगावतरण एवं नरकों की कथा प्रसंग का वर्णन होगा। 16 अप्रैल को भ्रामरी देवी की कथा ,देवी पूजन विधि,कथा विश्राम ,भस्म और गायत्री की महत्ता एवं चढ़ोत्तरी होगी। अंतिम दिवस नवमीं तिथि 17 अप्रैल को तुलसी वर्षा ,हवन ,कपिलातर्पण ,सहस्त्रधारा,प्रसाद वितरण ,कन्या भोज ,ब्राम्हण भोजन ,गायत्री सहस्त्रनाम के पाठ के साथ पुनीत आयोजन संपन्न होगा। प्रतिदिवस शाम 4 बजे से रात 8 .30 बजे तक आचार्य (पंडित )नूतन कुमार पाण्डेय तिलकेजा वाले के श्री मुख से श्रोतागण कथामृत का रसपान करेंगे। सहयोगी आचार्यगण श्री भूपेंद्र कुमार पाण्डेय ,मोनू पाण्डेय ,विनायक पाण्डेय सहित म्यूजिकल टीम संगीतमय श्रीमद देवी भागवत मूल पाठ ज्ञान यज्ञ महोत्सव संपन्न कराएंगे। 9 दिन तक सिंचाई कालोनी बरपाली माता की आराधना से गुंजायमान होगा।

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