Heat Stroke in Janjgir : हीट स्ट्रोक के लक्षण एवं बचाव के उपाय के संबंध में गाइडलाईन जारी

जांजगीर चांपा, 9 अप्रैल I मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ स्वाति वंदना सिसोदिया ने बताया कि हिट वेव जिसे सामान्य भाषा में लू चलना कहा जाता है, जब वातावरण का तापमान 40°C या 104°F से ज्यादा हो तो हीट वेव (लू) की स्थिति उत्पन्न होती है, इसका असर बच्चों, बुजुर्गों एवं गंभीर लक्षण बीमारी वाले लोगों में सर्वाधिक होता है। इसमें सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना।

हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय –

लू लगने का प्रमुख कारण तेज धुप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतः नमक की कमी हो जाना होता हैं। अतः इससे बचाव के लिए बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जावें, धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में न पीयें, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीयें, चक्कर आने, मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें।

प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श लिया जाएं। अगर लू के चपेट में आ जाये तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क करें। समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में ओ.आर.एस., आईवी फ्लूइड एवं बुखार की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]