नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व आईएएस और उनके बेटे के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के केस को खारिज कर दिया है। शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी को कहा था कि ये कोई घातीय अपराध यानि exponential crime नहीं है। अपराध से कोई आय नहीं हुई है तो फिर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है।
जज अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा, “संज्ञान लेने से पहले, विशेष अदालत को इस सवाल पर अपना दिमाग लगाना होगा कि क्या प्रथम दृष्टया धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत अपराध बनता है। अगर उसका मानना है कि पीएमएलए की धारा 3 के तहत कोई प्रथम दृष्टया अपराध नहीं बनता है, तो वह सीआरपीसी की धारा 203 के तहत शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। शिकायत को खारिज कर सकता है. यदि प्रथम दृष्टया मामला बनता है तो वह सीआरपीसी के तहत धारा 204 का सहारा ले सकता है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो व्यवस्था दी है, उसकी मूल प्रति आना बाकी है। गौरतलब है, इस मामले में जिन छह लोगों ने याचिकाएं लगाई थीं, उनमें एक अनवर ढेबर भी है। फिलहाल अनवर कोर्ट की ओर से एसीबी-ईओडब्लू की रिमांड पर है।
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