कोरबा, 08 अप्रैल । जिला मुख्य न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार साहू अध्यक्ष जिला विधि सेवा प्राधिकरण, जिला सचिव शीतल निकुंज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में मोरगा पुलिस चौकी अंतर्गत जंगल परिक्षेत्र के ग्राम गिद्धमुडी में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस दौरान विधिक जानकारी से अनभिज्ञ ग्रामीणों को जानकारियां प्रदान की गई। पीएलवी रवि शंकर ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह एक संज्ञेय- गैर जमानती अपराध है, इसमे दो वर्ष का कारावास या एक लाख तक का जुर्माना या दोनों से दंड का प्रविधान है। केंद्र सरकार ने विवाह हेतु परिपक्व लडकी का उम्र 18 वर्ष और लडका का उम्र 21 वर्ष निर्धारित किया है। बाल विवाह किसी बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के अधिकार से वंचित करता है। बाल विवाह से लडकियों को हिंसा, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। बाल विवाह को विधि की दृष्टि में शून्य मानकर अपराध की संज्ञा दी गई है. लेकिन बाल विवाह से उत्पन्न बच्चे को समाज में सामान्य दर्जे का अधिकार होगा। बाल विवाह को रोकने के लिए शपथ ग्रहण कराया गया। साथ साइबर क्राइम, टोनही प्रताडना अधिनियम 2005, मानव तस्करी संबंध में जानकारी, मोटर दुर्घटना अधिनियम, मध्यस्थता और सुलह अधिनियम 1996, चाइल्ड नंबर 1098, महिला हेल्पलाइन नंबर 181, लोक अदालत और निश्शुल्क विधिक सेवा व विधिक सेवा प्राधिकरण की जानकारी प्रदान की गई। इस प्रकार पीएलबी विजयलक्ष्मी सोनी, दलवीर सिंह, सफीना दास महंत, आरती मंगेशकर ने सरपंच गायत्री के जनपद सदस्य बजरंग सिंह पर पुलिस से रामकुमार उईके आदि की उपस्थिति रही।
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