बिलासपुर,23 मार्च । यात्री ट्रेनों के लगातार निरस्त होने के मामले में आज हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई हुई। पूर्व में हुई सुनवाई में यात्री ट्रेनों को निरंतर रद्द करने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र शासन से रेलवे बोर्ड से इस बारे में निर्देश लेकर जानकारी प्रस्तुत करने को कहा था। आज चीफ जस्टिस की डीबी ने रेलवे बोर्ड से शपथपत्र पर रेल परिचालन को लेकर सारी जानकारी देने का निर्देश दिया है । अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी।
मामले में कमल कुमार दुबे ने एक जनहित याचिका हाईकोर्ट में पेश किया है। याचिका में बताया गया है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में यात्री गाड़ियाँ लगातार रद्द की जा रहीं हैं। यात्रियों को अनेक अवसरों पर अचानक ही मालूम चलता है कि, अब यह एक्सप्रेस या पेसेंजर ट्रेन अब नहीं जाएगी। इसके साथ ही कई बार बीच रास्ते में ही ट्रेन सस्पेंड की जाती है। इसकी वजह से हजारों की संख्या में आने जाने वाले यात्रियों को बेहद परेशान होंना पड़ता है। लंबे समय से रेलवे इसी तरह का व्यवहार करता आ रहा है, इसका निवारण करने में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
याचिका में बताया गया कि दूसरी ओर माल गाड़ियाँ उसी रूट पर लगातार चलाई जा रहीं हैं। एडवोकेट अमन पाण्डेय के माध्यम से पेश इस याचिका में चीफ जस्टिस और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने रेलवे बोर्ड को आज जानकारी के साथ आने को कहा था। आज हुई सुनवाई में रेलवे ने बताया कि देश में कोल परिवहन को प्राथमिकता दी जा रही है। यह भी कहा कि, इस संक्रमण काल के बाद कुछ समय में सब कुछ ठीक कर लिया जायेगा। सिर्फ छोटी दूरी की गाड़ियाँ ही रोकी जाती हैं। दूर की गाड़ियों को निरंतर चलाया जा रहा है। डीबी ने इन सब बिन्दुओं को लेकर एक शपथपत्र पर जवाब माँगा है।
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