आदिवासी विकास विभाग के रसोईया नृत्य व चौकीदार के परिवार भूखे मरने की स्थिति में, निरंतर चार माह से नहीं मिला है वेतन : मनीराम जांगड़े

कोरबा, 19 मार्च । छत्तीसगढ़ राज्य को आदिवासी बाहुल्य राज्य के नाम से समूचे देश में जाना जाता है लेकिन प्रदेश के आदिवासी विकास विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को महज महीना में 10000 रुपए मासिक वेतन दिया जाता है जो विगत चार माह से नहीं मिला है यह वे कर्मचारी हैं जिनके बदौलत प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के अंतर्गत प्रदेश के गरीब वर्ग के बच्चों को शासन के मनसा अनुरूप अच्छी से अच्छी शिक्षा मिल सके इसलिए हजारों के तादाद में छात्रावास आश्रम का संचालन किया जा रहा है इस विभाग के रसोईया वृत्त चौकीदार के कार्य को भली भांति ईमानदारी पूर्वक निभाने वाले कर्मचारी के परिवार का माली हालत लगातार 4 माह से आदिवासी विकास विभाग के द्वारा वेतन नहीं दिए जाने के कारण भूखे मरने की नौबत आ गई है इस समस्या के निदान के लिए विभाग के इन कर्मचारियों द्वारा जिला कलेक्टर एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन राज्य शासन द्वारा विभाग को आवंटन प्राप्त न होने के कारण इन्हें वेतन नहीं मिल पा रहा है एक और इन्हीं कर्मचारियों के बदौलत राज्य शासन के महत्वपूर्ण विभाग अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण नमक विभाग राज्य शासन द्वारा बनाया गया है जो सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं यह वह कर्मचारी हैं जिनके बदौलत ही उक्त विभाग का कार्य संपादित होता है जैसे छात्रावास आश्रम में रहने वाले छात्र-छात्राओं की देखरेख सहित उन्हें समय पर नाश्ता भोजन बनाकर खिलाना जैसे और कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी इन्हें दी गई है इनके साथ हो रहे अन्याय तो जब और निंदनीय हो जाता है तब प्रदेश के अन्य विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को अगस्त 2023 से 14000 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है लेकिन आदिवासी विकास विभाग ही एक ऐसी विभाग रह गया है जिसे राज्य शासन के आदेश और निर्देशों को कचरे की टोकरी में डालकर उनकी आर्थिक शोषण करने में आतुर है इन कर्मचारियों को अभिलंब वेतन भुगतान न होने की स्थिति में युवा नेता मनीराम जाँगडे़ ने पत्र लिखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री व अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री से कहा है कि संगठन के नेतृत्व में उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसके संपूर्ण जवाबदारी राज्य शासन की होगी साथी जांगड़ा ने अपने पत्र में वर्तमान की प्रदेश सरकार के द्वारा कई सराहनीय योजना लागू करके गरीब वर्गों को ऊपर उठने के लिए कार्य कर रहे हैं कहीं ना कहीं अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के उच्च अधिकारियों की लापरवाही की वजह से शासन की छवि धूमिल हो रही है इस पर शासन में बैठे विभाग के उच्च अधिकारियों के प्रति भी कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें ताकि भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति इन कर्मचारियों के प्रति ना हो।