KORBA:असंतुष्ट कांग्रेसियों को साध रही भाजपा,पाली हॉटस्पॉट,कांग्रेस की भी पैनी नजर

कोरबा। लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने के साथ ही अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी और प्रत्याशियों के द्वारा बैठकों एवं आयोजनों का दौर शुरू कर दिया गया है। दूसरी तरफ पर पार्टियों में प्रवेश की भी सुगबुगाहट तेज होने लगी है।

प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा में असंतुष्टों की भरमार है और ऐसे असंतुष्टों को साधने के लिए जहां भाजपा के नेता प्रयासरत हैं तो वहीं कांग्रेसियों की भी नजर बनी हुई है। कोरबा लोकसभा में काबिज कांग्रेस से कुर्सी छीनने के लिए भाजपा बेताब है। ऐसे में भाजपा की नजर कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं पर कुछ खास लगी हुई है। कोरबा लोकसभा में भाजपा के लिए पाली-तानाखार विधानसभा एक बहुत बड़ा गड्ढा है जहाँ से कांग्रेस को लीड मिलती रही हैं। इस गड्ढे को पाटने के लिए यहां के असंतुष्ट कांग्रेसियों को साधने का जतन भाजपा कर रही है। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो कांग्रेस के बड़े नेता की कार्यशैली और स्थानीय कांग्रेसियों की उपेक्षा के कारण अच्छा खासा जनाधार रखने वाले नेतागण भाजपा में जाने की राह ताक रहे हैं। इनमें कई बड़े नेतृत्व शामिल हैं व पदों पर आसीन भी हैं, जोगी गुट से वास्ता रखते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के गुट का होने के कारण कांग्रेस शासन काल में स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने इन्हें उपेक्षित रखा और खास तवज्जो भी नहीं दी जाती रही। कांग्रेस के स्थानिक नेताओं ने अपना वर्चस्व कायम रखने की कोशिश की जिससे कई कांग्रेसी असंतुष्ट और नाराज चल रहे हैं। ऐसे कई नाराज लोगों को अपने खेमे में शामिल करने की दिशा में काम हो रहा है। इनके नाम की लिस्ट भी भेजी जा चुकी है।
कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में बड़े नेतृत्व के साथ उनके समर्थक भी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। बीते विधानसभा चुनाव में भी कई कांग्रेसी अपना किस्मत आजमाने की जगत में थे लेकिन इन सभी को बैकफुट पर डालने का काम किया गया जिससे भी नाराजगी बनी हुई है। आरोप है कि कांग्रेस शासन काल में ऐसे कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों ने अपने नेता का मुखौटा बनने के बाद भी जनता के लिए,संगठन के लिए काम करने की बजाय अपनी-अपनी दुकानदारी/ ठेकेदारी को आगे बढ़ाने का काम किया किन्तु दूसरे कांग्रेसियों को ऊपर उठने नहीं दिया। लोकसभा चुनाव में ऐसे नाराज कांग्रेसी अब-तब में भाजपा ज्वाइन करने का विचार बना लिए हैं। अगर यह कहा जाए कि पाली-तानाखार विधानसभा भाजपा में प्रवेश का हॉटस्पॉट बनने वाला है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
0 भाजपाईयों में भी गुटबाजी हावी
कोरबा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भाजपाईयों में भी गुटबाजी देखने को मिल रही है। पाली तानाखार विधानसभा में भाजपाईयों के ही अलग-अलग गुट तैयार हैं जिनमें युवा, वरिष्ठ और मौजूदा संगठन अपने-अपने हिसाब से चल रहे हैं। यहां के पूर्व विधायक रामदयाल उइके अपने आप को मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं और उनके साथ पुराने कार्यकर्ताओं का एक धड़ा खड़ा है तो दूसरी तरफ एक गुट है जो चाहता है की राजनीति में उनकी भी पूछ परख होनी चाहिए, सिर्फ एक ही चेहरे को बार-बार सामने लाना ठीक नहीं है। इधर दूसरी तरफ जब इस बात की जानकारी हुई कि अनेक कांग्रेसी नेतृत्व भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं तो कुछ भाजपाईयों ने इस संबंध में शीर्ष संगठन को पत्र लिखकर यह बताने का प्रयास किया है कि इनके भाजपा में प्रवेश होने से संगठन को नुकसान होगा। कई भाजपाई चाहते हैं कि कांग्रेसियों का भाजपा में प्रवेश न हो तो दूसरी तरफ कुछ भाजपाई चाहते हैं कि कांग्रेसी टूट कर भाजपा में आएंगे तो पाली-तानाखार विधानसभा में मौजूद गड्ढे को पाटने में भाजपा को सफलता मिलेगी।
0 चुनौती दोनों दलों के लिए
अपना घर बचाना दोनों दलों के लिए चुनौती है लेकिन सत्ता की तरफ झुकाव भी कुछ ज्यादा ही देखा जा रहा है जिसके लिए सांगठनिक उपेक्षा के साथ-साथ व्यवसायगत कारण बड़ी वजह बताई जा रही है। भाजपा में भी कई लोग बेमन काम कर रहे हैं और खुद को मजबूर भी बता रहे हैं। टिकट की दौड़ में लगे भाजपा नेताओं के समर्थकों में निराशा और उपेक्षा का भाव विधानसभा चुनाव से लेकर अब भी गहरे तक कायम है, जिसे बड़ी आसानी से दूर करना संभव नहीं लगता।