KORBA: दीपका खदान प्रबंधक की घोर लापरवाही, 10 मीटर भी नहीं छोड़ा सेफ्टी जोन, आबादी के एकदम नजदीक चल रहा खदान का कार्य

विनोद उपाध्याय

0 पूरी तरह सुख गये क्षेत्र के कुंऐ, हेंड पंप, तालाब, पीने व निस्तारी में ग्रामीणों को टेंकर के भरोसे

कोरबा/हरदीबाजार, 14 मार्च । एसईसीएल दीपका कोयला खदान प्रबंधन कोयला उत्खनन में इतना मशगूल हैं कि उसे घना आबादी क्षेत्र तक का ख्याल नहीं , दीपका कोयला खदान खुली खदान है जो ग्राम अमगांव, हरदीबाजार वह दर्रा खांचा आमगांव के एकदम नजदीक आ चुका है सब से ज्यादा परेशानी मलगांव व हरदीबाजार वासियों को हो रही है ।

ज्ञात हो कि ग्राम मलगांव के सभी मकानों का नापी हुऐ दो वर्ष हो चुके लेकिन आज तक मकान मुआवजा में विसंगति होने अर्थात मकानों का मुआवजा राशि कम बनने ,बसाहट का सार्थक निर्णय नहीं होने साथ ही नौकारी जैसे बुनियादी हक नहीं मिल पाया है । ऐसे में ग्रामवासी अपना मकान जमीन कैसे छोड़े वहीं हरदीबाजार शांतिनगर,शिक्षक नगर व महाविद्यालय खदान में हो रहे रोजाना हैवी ब्लास्टिंग से समस्या काफी बढ़ गई है साथ ही मलगांव के रिहायशी इलाके से 10 मीटर की भी दूरी नहीं होगी जहां खदान में ऐसी व कोयला उत्खनन का कार्य चल रहा है । ऐसे में एसईसीएल दीपका प्रबंधन की सुरक्षा पगवाड़ा केवल सफेद हांथी साबित हो रहा है जहां जनमानस की सुरक्षा का जरा भी ध्यान नहीं है । वहीं मलगांव से लगा हरदीबाजार शांतिनगर,शिक्षक नगर,कालेज रोड़ खदान के करीब होने सामने पानी की गंभीर समस्या होने वाली है अभी वर्तमान में मलगांव वह हरदीबाजार में पानी पेंटरों से पानी सप्लाई की जा रही है नतीजतन खदान के नजदीक आने के साथ खदान में रोजाना हो रही हैवी ब्लास्टिंग से क्षेत्र के सभी कुंऐ,तालाब सुख गये है और बोर धंसने की घटना भी घट रही है जिससे आने वाला महिनें गर्मी में लोगों को पानी के निकट संकट से गुजरना पड़ेगा क्योंकि पानी टेंकर से पानी की सप्लाई सभी को नहीं मिल पाएगी । इस दिशा में जिला प्रशासन को खदान प्रबंधन पर नकेल कसने की जरूरत है ,जिससे गांव व मकानों में रह रहे लोगों की सुरक्षा व उनके मुल हक दिलाने और सामने भीषण गर्मी को देखते हुए पानी की समुचित व्यवस्था करने, इस दिशा में समय रहते गंभीरता से कदम उठाने की जरुरत है वरना खदान की वजह से लोगों में धीरे-धीरे रोष व्याप्त हो रहा है,जो दीपका खदान प्रबंधन के लिए बड़ी परेशानी का शबब होगा ।

हरदीबाजार शांतिनगर राजाराम राठौर के बाड़ी में स्थित कुआं जो 35-40 फीट है जो लगभग 15 फरवरी से ही पूरी तरह सुख गया है वहीं क्षेत्र में एक भी हेंडपंप पानी नहीं उगल रहा है कारण केवल कोयला खदान में हो रही हैवी ब्लास्टिंग,खदान के आबादी क्षेत्र के करीब संचालित होना, क्षेत्र में एक भी पानी का स्त्रोत नहीं होना