कोरबा, 08 मार्च I लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद ज्योत्सना महंत ने गांव भैसमा को गोद लेकर आदर्श ग्राम का दर्जा दिया था, लेकिन इसका विकास करना भूल गईं। विकास की बात तो दूर चुनाव जीतने के बाद इस गांव में सांसद के कदम भी नहीं पड़े। सांसद आदर्श ग्राम भैसमा ग्राम पंचायत में टूटी–फूटी सड़कें, खराब पड़े टेप नल और पीने के पानी के लिए जद्दोजहद जारी है। ज्योत्सना महंत ने जिले के तीन गांव को गोद लेकर संसद आदर्श ग्राम घोषित किया था, जिससे ग्रामीणों में उम्मीद बढ़ी थी।
भैसमा ग्राम पंचायत में टूटी–फूटी सड़कें
सांसद की अनदेखी से ग्रामीणों में नाराजगी
लोगों को भरोसा था कि आदर्श ग्राम बनते ही गांव की तकदीर बदलेगी। बुनियादी जरूरतों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा, लेकिन सांसद की अनदेखी ने ग्रामीणों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब वह सांसद को कोस रहे हैं। 3500 आबादी वाले इस गांव में पीने के पानी की समस्या विकराल है।
अब भी कई काम अधूरे हैं
ग्रामीण किसान साहू ने बताया कि इससे पहले सांसद बंसीलाल महतो ने तीरखोजा को आदर्श ग्राम बनाने का संकल्प दिया था, जहां आदर्श ग्राम बनने के बाद सड़क सामुदायिक भवन और बिजली की समस्या तो दूर हुई, लेकिन अब भी कई काम अधूरे हैं।
ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा
उन्होंने कहा कि अब सांसद ज्योत्सना महंत जी ने गोद लिया है लेकिन पिछले कई सालों से उनके दर्शन दुर्लभ गांव में छात्रों के लिए आईटीआई, केंद्रीय विद्यालय और सबसे बड़ी समस्या सहकारी बैंक की मांग की गई थी लेकिन अब तक पूरी नहीं हो सकी है ऐसे तिल के जा के ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
जरूरतमंदों को नहीं मिला PM आवास
कार्यक्रम के लिए सामुदायिक भवन बनाया गया
ग्रामीण सतीश कुमार हलवाई ने की माने तो आदर्श ग्राम बनने के बाद दो ही काम अच्छे हुए हैं। पहला मुख्य सड़क से जुड़ गया, जहां पक्की सड़क का निर्माण किया गया। साथ ही सुख-दुख में कार्यक्रम के लिए सामुदायिक भवन बनाया गया।
चहेते लोगों को मिल रहा PM आवास
वर्तमान में ऐसे कई ग्रामीण हैं, जिन्हें पेंशन नहीं मिल रही है। ग्रामीणों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इसके अलावा जिन्हें PM आवास योजना की जरूरत है, उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।जिन्हें जरूरत नहीं है, उनको स्वीकृत मिली रही है।
[metaslider id="347522"]