छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक को अमेरिका जाने की क्या ज़रूरत हैं

अम्बिकापुर,06 मार्च । छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है। इसको लेकर कई तरह के षड्यंत्र के विषय भी सामने आ चुके हैं। इस बीच खबर है कि छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला जल्द ही अमेरिका जाने वाले हैं। सूत्रों की मानें, तो आलोक शुक्ला किसी निजी कार्यक्रम के तहत नहीं, बल्कि अपने एजेंडे को सफल बनाने के लिए अमेरिका जा रहे हैं। इसके पीछे कई तथ्य हैं जो इस बात को बल दे रहे हैं।

हाल ही में आलोक शुक्ला को वेरेना गाड़ी चलाते देखा गया था और माना जा रहा है कि उन्होंने ही ये नई गाड़ी खरीदी है। दूसरी तरफ उनके पास पहले से क्रेटा कार मौजूद है। सड़क पर आंदोलन करने वाले और खुद को आदिवासी हितैषी बताने वाले आलोक शुक्ला हमेशा कार में ही घूमते नजर आते हैं। वो इस बात को दर्शाते हैं कि उनका आंदोलन एक निजी स्वार्थ है। इसी साल जनवरी महीने में जाने माने NGO CPR का FCRA लाइसेंस रद्द दिया गया। यानी, विदेशों से फंडिंग अब नहीं ली जा सकेगी। साथ ही, साल 2023 में ये बात निकलकर सामने आई थी कि CPR का FCRA लाइसेंस इसलिए स्थगित किया गया है क्योंकि CPR विदेशों से फंडिंग लेकर छत्तीसगढ़ में हसदेव बचाओ आंदोलन को आर्थिक सहायता दे रहा है और आंदोलन संचालित करवा रहा है। CPR सीधे तौर पर अपनी फंडिंग आलोक शुक्ला के NGO को दे रही थी।

अब जब CPR का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और अब भारत में बैठकर विदेशी फंडिंग मिलना आसान नहीं रह गया है इसलिए आलोक शुक्ला अब सीधे अमेरिका जाकर जॉर्ज सोरोस से फंडिंग लेकर आने वाले हैं। ये इस बात को उजागर करता है कि आलोक शुक्ला एक अर्बन नक्सल की तरह भारत को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। आलोक शुक्ला विदेशियों से पैसे लेकर छत्तीसगढ़ में एंटी-इंडिया अभियान चलाना चाहते हैं।

आलोक शुक्ला और सभी आदिवासी हितैषियों से सवाल यही है कि क्या आदिवासियों की बात करने के लिए विदेश जाना जरूरी है? एक NGO चलाने वाले के पास अमेरिका जाने का पैसा कहां से आ गया? या कोई इस अमेरिकी दौरे को स्पॉन्सर कर रहा है? स्पॉन्सर कौन कर रहा है? क्या इसमें किसी विदेशी ताकत का हाथ है? क्या आंदोलन चलाने के पीछे किसी सिंडिकेट का हाथ है? पिछले 15 से NGO चला रहे आलोक शुक्ला को अचानक अमेरिका जाने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या विदेश से मिलने वाले फंडिंग पर लगी रोक की वजह से विदेश जाने की योजना बनाई गई है? एक NGO चलाने वाला व्यक्ति पहले क्रेटा गाड़ी खरीदता है और फिर तुरंत ह्युंडई कंपनी की नई वेरना गाड़ी खरीद लेता है, कैसे? एक NGO के पास इतना पैसा कहां से आता है?