Adani Foundation : छत्तीसगढ़ में महिलाओं की ‘सहेली’ बन रहा है अदाणी फाउंडेशन

  • राज्य में महिलाओं की जिंदगी आसान कर रहा है अदाणी
  • महिलाओं के लिए अदाणी का गारमेंट प्रोडक्शन सेंटर
  • अपना काम शुरू करने के लिए मिलेगी ट्रेनिंग

रायपुर, 05 मार्च । महिलाएं वह आधारशिला हैं जिसके बिना किसी भी मजबूत परिवार, समाज और देश की परिकल्पना ही नहीं की जा सकती। इतिहास गवाह है कि महिलाओं ने लगभग सभी क्षेत्रों में अपना परचम लहराया है। हम सब जानते हैं कि महिलाएं वह सब काम कर चुकी हैं जिसकी हमने कभी कल्पना भी नहीं की थी। महिलाओं की स्थिति को समाज में बेहतर करने के लिए अदाणी फाउंडेशन ने एक पहल शुरु की थी जिसका असर अब दिखने लगा है और महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें। छत्तीसगढ़ में अदाणी पावर ताराशिव गांव में गारमेंट प्रोडक्शन सेंटर- रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (आरआईपीए) संचालित करता है ग्रामीण स्तर के कुटीर और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए RIPA- महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क कार्यक्रम शुरू किया है।

आरआईपीए का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन, प्रशिक्षण और बाजार संपर्क में पहुंच प्रदान करना है। साथ ही उन्हें स्वायत्त विकास के साथ मार्केटिंग और प्रोडक्शन में स्किल डेवलपमेंट करने की मदद करना है।

रायखेड़ा में फाउंडेशन ने स्वयं सहायता समूह बनाया है जिसका नाम सहेली महिला सशक्त सिलाई समूह है। इसे सामूहिक रूप से सिलाई कार्य को एक आर्थिक व्यवसाय के रूप में शामिल करने और अपनी आजीविका कमाने के लिए रजिस्टर किया गया है। अदाणी फाउंडेशन ने सहेली महिला समूह को आरआईपीए में पेशेवर सिलाई प्रशिक्षण और 129 हाई-स्पीड इलेक्ट्रिक सिलाई मशीनें मुहैया कराई हैं जिससे सिलाई का काम शुरू करने में उन्हें काफी सहायता मिली। फाउंडेशन सिलाई प्रशिक्षण का सॉफ्ट स्किल, ट्रेनर जैसे सहायक कर्मचारी, सिलाई मशीनें और कच्चे माल और तैयार उत्पाद ट्रांसपोर्टेशन में सपोर्ट करता है।

रायपुर में अदाणी फाउंडेशन स्कूल बैग, सिक्योरिटी किट बैग, जैकेट सिलाई और कढ़ाई कलाकृति की सिलाई के लिए सॉफ्ट स्किल सिलाई का प्रशिक्षण देने के लिए समय-समय पर सहेली महिला सिलाई स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की हरसंभव मदद करता है।
रायपुर जिले तिल्दा ब्लॉक अंतर्गत ताराशिव में अदाणी फाउंडेशन द्वारा संचालित गारमेंट प्रोडक्शन सेंटर द्वारा महिला स्वावलंबन के नए द्वार खोल रहा है। अदाणी फाउंडेशन द्वारा संचालित गारमेंट प्रोडक्शन सेंटर RIPA बिल्डिंग से संचालित होता है। जहाँ पर 35 महिलाएं स्व-रोजगार प्राप्त कर रही है। प्रोडक्शन सेंटर में महिलाएं रेडीमेड गारमेंट तैयार करने का हुनर सीख रही हैं और साथ ही ट्रेनिंग खत्म होने के बाद वहां काम भी कर रही हैँ। गारमेंट प्रोडक्शन सेंटर में हर रोज करीब 1 हजार 500 महिलाओं के कपड़े तैयार किए जाते हैं। यह समूचा कार्य महिलाएं सिलाई के जरिए करती हैं।

कुमारी प्रियंका यादव ताराशिव गांव में रहती है। प्रियंका के घर पर खेतिहर जमीन नहीं है। घर का पालन पोषण पिताजी की कमाई से और माँ की मजदूरी से चलता है। प्रियंका ने 12 वीं तक की पढ़ाई की है और किसी कारण वह आगे पढ़ाई नहीं कर पाई। प्रियंका ने गारमेंट प्रोडक्शन सेंटर ताराशिव से जुड़ने का निश्चय किया। आज प्रियंका हर रोज 80 से 120 कपड़े तैयार करती है और महीने में 5 से 8 हजार रुपए भी कमा लेती है। फाउंडेशन ग्राम पंचायत रायखेरा और ताराशिव में वस्त्र निर्माण केंद्र का संचालन करता है और इसके अंतर्गत 65 महिलाएं सिलाई केंद्र से जुड़कर आत्मस्वावलंबी बन रही है।

अदाणी फॉउण्डेशन द्वारा क्षेत्र में सामाजिक सरोकारों की विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। जिसका फायदा गांववालों को मिल रहा है और उनके जीवन स्तर पर इसका सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिला है। वहीं, आजीविका के क्षेत्र में फाउंडेशन द्वारा आसपास के गांवों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कार्यक्रमों को चलाए जा रहे है। अदाणी फाउंडेशन रायपुर का लक्ष्य, साल 2025-26 तक कपड़े तैयार करने के लिए 500 महिलाओं को जोड़ने का है ताकि उन्हें सम्मानजनक स्व-रोजगार का अवसर मिल सके। ये ग्रामीण महिलाएँ जिन्हें पहले बाहर काम करने में कठिनाई होती थी अब उनमें एक-दूसरे से जुड़ने और धन निकालने के लिए बैंकिंग करने की आदत विकसित हो गई है। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।