अंत्या व्यावसायिक भवन की जमीन पर अवैध कब्जा, दुकानदारों की शिकायत पर प्रशासन मौन, मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत

जशपुर,02 मार्च । जिले के पत्थलगांव के शहरी क्षेत्रों में कुछ लोगों ने मनमर्जी से अतिक्रमण कर रखा है। हालत यह है कि सरकारी भवन, शासकीय जमीन भी इनकी नजर से नहीं बच रहे हैं। ऐसा ही मामला जनपद पंचायत पत्थलगांव के बगल में अंत्या व्यवसायी साखा की ओर से बने भवन वाली भूमि पर आई है। यहां जनपद पंचायत के बाजू में अंत्या व्यवसायी साखा की ओर से भवन बना है,जिसके सामने कुछ लोगों ने कूट रचना कर अतिक्रमण करके अपना हक जताकर अपने अधीन कर स्थायी दुकान जमा लिया है। विगत कई वर्षो से यहां अंत्या व्यवसायी के दायरे में आने वाले आधा दर्जन व्यवसायी सामने हुए इस अतिक्रमण से काफी परेशान है, पीछे न दिख रहे अपने व्यवसाय को अस्तित्व में लाने के लिए रोज जद्दोजहद करते अंत्या व्यवसाई के लोगों ने इस अतिक्रमण को हटाने की मांग सासन प्रशासन से अनेको बार की है। मनमाने ढंग से अतिक्रमण कर्ता पर कार्यवाही को लेकर तहसीलदार व नगरपंचायत को आवेदन कर शिकायत भी की है।

जानकारी अनुसार अतिक्रमणकारी के दबंगई और प्रशासन की बेरुखी से परेसान होकर लोग अब अपने हाल पर ही रहना पसंद कर रहे हैं।और अतिक्रमणकारि अपना कब्जा जमाए बैठे है। इन अतिक्रमणकारियों को किसी का भय नहीं है। पत्थलगांव के तीनों मार्ग में जगह-जगह मार्ग किनारे टीन शेड की दुकानें बनाकर खोल दी गई है। जिस पर किसी का ध्यान नहीं है। यहां के अतिक्रमण को हटाया नहीं गया है। जिसके कारण ग्रामीणों में रोष है।सबसे बड़ी बात इस अतिक्रमण पर लोगों ने अनेको बार शिकायत किया पर आज तक किसी अधिकारी ने इस ओर देखने तक का कार्य नहीं किया जिससे लोगों का मानना है कि अधिकारियों के सह पर ही इस अतिक्रमण को अंजाम दिया गया है।

अतिक्रमण हटाने की मांग :

अंत्या व्यवसाई मनोज देवांगन का कहना है कि जिस स्थान पर अतिक्रमण कर दुकानें संचालित की जा रही है। इसकी शिकायत तहसीलदार सहित नगरपंचायत से की गई है। लेकिन अभी तक यहां के अतिक्रमण पर कोई कार्यवाही नहीं कि गई है। अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन से मदद की बात कही है। वहीँ नारायण सिदार, रवि यादव, मोती चंद पटेल, राजा सिंह सभी लोगों ने कहा कि यहां अंत्या व्यवसाई भवन के मुख रास्ते की भूमि में हुए अतिक्रमण के लिए आगामी समय मे स्थानीय विधायक को शिकायत किया जाएगा इसके बाद भी कार्यवाही नहीं होने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी के पास शिकायत करेंगे।

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