मासूम रिशु का पहले अपहरण फिर हत्या कर जला दिया था शव, अब आरोपियों के घरों पर चलेगा बुलडोजर!; आरोपितों के घर बेदखली का नोटिस चस्पा

प्रतापपुर,28 फरवरी। प्रतापपुर के होटल व्यवसायी अशोक कश्यप के मासूम पुत्र रिशु (10) के अपहरण व हत्या की घटना से प्रतापपुर में अभी भी शोक का माहौल है। यह घटना कभी न भूल पाने वाला दर्द बनकर हर प्रतापपुरवासी को दुख दे रहा है। मंगलवार को प्रतापपुर शहर सामान्य दिनों की तरह खुला। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन अभी भी प्रतापपुर नगरीय क्षेत्र में पुलिस बल को तैनात कर रखा गया है।आरोपितों के घर जाने वाले मार्ग में दोनों ओर से बैरिकेड लगा दिए गए हैं।

जनभावनाओं को देखते हुए प्रशासन भी अब सख्त हो गया है। दोनों आरोपितों का घर प्रतापपुर के वार्ड क्रमांक चार में छोटे झाड़ मद की शासकीय जमीन पर बना है। अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को देखते हुए तहसीलदार की ओर से आरोपितों के परिवार के सदस्यों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया है। दोनों आरोपितों के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर आरोपितों के परिवार के सदस्यों को बुधवार 28 फरवरी 2024 को तहसील न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने निर्देशित किया गया है। बेदखली की नोटिस से माहौल अब थोड़ा शांत हुआ है। आरोपितों के स्वजन के नाम नोटिस में तहसीलदार ने उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत् ग्राम प्रतापपुर तहसील प्रतापपुर के छोटे झांड जगंल की भूमि पर मकान व दूकान बनाकर अतिक्रमण किया गया है।नियत समय तक जबाब प्रस्तुत नहीं करने पर दस हजार रूपये अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अतिक्रमण भूमि पर से बेदखल किया जाएगा।

नियत तिथी को अनुपस्थित रहने की स्थिति में एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए बेदखली की कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है। मालूम हो कि अपहरण और हत्या के आरोप पर पुलिस ने वार्ड क्रमांक चार निवासी शुभम सोनी उर्फ गोलू (26) तथा विशाल ताम्रकार (28) को गिरफ्तार कर लिया है। इन्हीं दोनों ने मासूम रिशु का बीते 29 जनवरी 2024 को अपहरण कर लिया था। उसी दिन शाम को हत्या कर उसके शव को जला दिया था। हत्या के बाद लूट की मोबाइल से दोनों ने फिरौती वसूलने की योजना के तहत मृतक के पिता को फोन कर धमकाना शुरू किया था। घर में चिट्ठियां भी फेंकनी शुरु की थी। आरोपित व मृतक के पिता के बीच बातचीत का प्रसारित वीडियो भी दिल को झकझोर देने वाला है इसलिए भी लोग इस घटना को भूल पाने की स्थिति में नहीं है। पुलिस पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। शहरवासियों से शांति बनाए रखने की मांग की जा रही है।

देर रात तक सड़क पर बैठे रहे शहरवासी

सोमवार की शाम आरोपितों को फांसी की सजा दिए जाने के साथ ही शासकीय जमीन पर निर्मित उनके मकानों को तोड़ने की मांग को लेकर शहरवासियों ने प्रतापपुर मुख्य मार्ग पर धरना देना शुरू किया था।पूर्व संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, छत्तीसगढ़ राज्य श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष शफी अहमद के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्र के कांग्रेसजन भी सड़क पर उतर आए थे। घटना की निंदा करते हुए जन भावनाओं के अनुरूप कार्रवाई की मांग की जा रही थी। लोगों के आक्रोश को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल को प्रतापपुर में तैनात कर दिया गया था। देर रात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से हुई चर्चा के बाद आंदोलन को स्थगित किया गया था। इधर मंगलवार सुबह ही प्रशासन की ओर से आरोपितों के परिवार का अतिक्रमण हटाने नोटिस जारी कर दिया गया।प्रतापपुर शहरवासियों ने नगर पंचायत के माध्यम से भी आरोपितों का घर तोड़ने अपनी भावनाएं व्यक्त की है। नगर पंचायत के सीएमओ से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया था।

बिलखती बहन का बयान आया सामने, कड़ी सजा मिलनी चाहिए दोषियों को

मासूम रिशु की बहन का वीडियो भी सामने आया है। भाई के बिछड़ जाने से रो-रो कर उसका बुरा हाल है। वह भी काफी छोटी है लेकिन इस दर्द को जानती है कि उसका भाई अब इस दुनिया मे नहीं है। बहन को दुख इस बात का है कि आरोपितों ने उसके जन्मदिन के दिन ही भाई का अपहरण कर लिया था। बिलखते हुए वह कहती है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मेरा भाई थार जीप में घूमना चाहता था। मोटरसाइकिल लेना चाहता था। बहन बताती है कि भाई को मोबाइल पर रील बनाने की इच्छा रहती थी। वह बोलता था कि दीदी मैं मोटरसाइकिल पर तुम्हें घुमाने ले जाऊंगा। हम मोटरसाइकिल पर बैठ कर रील बनाएंगे। परिवार के गमजदा लोग रिशु की बहन को सांत्वना दे रहें हैं।

न्याय के संघर्ष में स्वजन के साथ खड़ा हूं मैं : सिंहदेव

पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा- सरगुजा संभाग के प्रतापपुर में एक 10 वर्ष के नन्हें बालक के अपहरण के बाद निर्मम हत्या का समाचार अत्यंत दुखद है। इस दुख की घड़ी में मैं शोक संतप्त परिजनों को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और न्याय के इस संघर्ष में उनके साथ खड़ा हूं। पीड़ित परिवार के पास एक प्रनिधिमंडल भेज कर ज़मीनी स्थिति और परिजनों का हाल जाना, और उनकी मांगों को समझा।पुलिस और ज़िला प्रशासन से अपेक्षा है कि वो अपराधियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे और न्यायिक रूप से सभ्य समाज के दुश्मनों को दंड दिलाएंगे।