शिवपुरी। शहर में आवारा श्वान आतंक का पर्याय बने हुए हैं, परंतु इस ओर जिम्मेदार अधिकारी व नगर पालिका प्रबंधन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। शहर में घूम रहे आवारा श्वान आए दिन किसी ने किसी व्यक्ति को अपना शिकार बना रहे हैं। सोमवार को पूरे शहर में आवारा श्वानों का आतंक ऐसा बरपा की सुबह अस्पताल खुलने के बाद से दोपहर तक ही सिर्फ चार घंटे में आधा सैंकड़ा से अधिक श्वान का शिकार बने लोग उपचार के लिए अस्पताल पहुंच गए। घायल लोगों में कोई अपने बच्चे को लेने स्कूल जा रहा था तो कोई पेपर देकर वापिस घर लौट रहा था। शहर के मुख्य बाजार में रहने वाले हेमंत खंडेलवाल के अनुसार वह अपने गाड़ी से बच्चे को लेने के लिए स्कूल जा रहे थे, इसी दौरान कलार गली क्षेत्र में आतंक का पर्याय बने एक आवारा श्वान रास्ते में आ गया। हेमंत ने श्वान को बचाने का प्रयास किया परंतु उसने हेमंत पर हमला कर दिया।
श्वान ने उनके पैर में इतनी ताकत से काटा कि उनके पैर में दांतों के निशान आ गए। इसी तरह 12वीं कक्षा की परीक्षा दे रहा साइंस कालेज निवासी छात्र दिलीप लोधी दोपहर के समय किसी काम से बाजार आया हुआ था तभी उसे सड़क पर अचानक आए एक आवारा श्वान ने काट लिया तो दसवीं की परीक्षा देकर वापिस घर लौट रहे एक छात्र रामू को भी राजेश्वरी रोड पर ही एक आवारा श्वान ने आकर अपना शिकार बना लिया।
जिला अस्पताल में उपचार के लिए आई एक अन्य महिला अफसाना बानो ने बताया कि वह तो घरों में झाडू पोंछा करके अपना जीवनयापन करती है। सुबह के समय जब वह अपने काम पर जा रही थी तभी मोमिनों की मस्जिद पर आवारा श्वान ने उसे काट लिया। जिला अस्पताल में सोमवार को सुबह से दोपहर तक सिर्फ चार घंटे के भीतर 50 से अधिक श्वान काटने के शिकार पहुंच चुके थे। यह आंकड़ा ये दर्शाने के लिए पर्याप्त है कि शहर में श्वानों का आतंक किस हद तक बढ़ चुका है।
अब तक 30 से अधिक लोगों को काट चुका कलार गली का श्वान
कलार गली क्षेत्र के लोगों का कहना है कि जिस आवारा श्वान ने हेमंत को अपना शिकार बनाया है, वह राहगीरों को काटने का आदी हो चुका है। वह अब तक करीब 30 लोगों को अपना शिकार बना चुका है। लोगों के अनुसार कई बार नपा के जिम्मेदारों को इस श्वान के संबंध में शिकायत दर्ज करवा कर उसे पकड़ने की गुहार लगा चुके हैं, परंतु अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हेमंत को काटने के बाद भी नपा सीएमओ को फोन लगाया है, परंतु कोई टीम आवारा श्वान को पकड़ने के लिए नही पहुंची है।
हम पकड़ने तैयार, लेकिन विरोध भी हो रहा
खास बात यह है कि जब शहर में आवारा श्वानों के संबंध में नपा के सेनेटरी इंस्पेक्टर योगेश शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि हम शहर में पिछले 15 दिन से अभियान चला रहे हैं और आवारा कुत्तों को पकड़ कर शहर के बाहर जंगली क्षेत्र में छोड़ कर आ रहे हैं। उनके अनुसार हमें जहां से भी सूचना आती है, हम वहां टीम भेजकर कुत्तों को पकड़वा रहे हैं।
उनके अनुसार इस अभियान के दौरान उनके सामने बड़ी समस्या यह आ रही है कि वह जब श्वान को पकड़ने के लिए टीम भेजते हैं तो उस क्षेत्र के लोग ही दो गुटों में बंट जाते हैं। कुछ लोग कुत्तों को पकड़वाने के लिए बोलते हैं और कुछ लोग कुत्ते को उनका पालतू कुत्ता बताकर छोड़ने को कहते हैं। हालात यह बनते हैं कि कई बार तो टीम के लोगों के साथ हाथापाई तक पर लोग उतारू हो जाते हैं। ऐसे में जो लोग श्वान को पकड़वाना चाहते हैं, वह लोग ही लिखित रिपोर्ट देने से इंकार कर देते हैं। वह चाहते हैं कि सिर्फ फोन पर ही काम हो जाए। उनके अनुसार इन सब समस्याओं के बाबजूद वह जहां से फोन आता है वहां पर अपनी टीम भेजकर आवारा श्वानों को पकड़वा रहे हैं।
यह कहता है कानून
इस संबंध में एडवोकेट गजेंद्र यादव का कहना है कि अगर किसी भी व्यक्ति का पालतू श्वान सड़क पर आवारा घूम रहा है और वह किसी राहगीर को अपना शिकार बनाता है तो ऐसे में पीड़ित व्यक्ति कानूनन श्वान के मालिक के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा सकता है। आवारा श्वानों को पकड़ना नपा की जिम्मेदारी है, अगर कोई उनके इस कार्य में बाधा उत्पन्न करता है तो उसके खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है।