रायपुर,25 फरवरी । मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ दर्शन परिषद् का राष्ट्रीय अधिवाशन एवं राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी उद्घाटित
एकात्म मानववाद का विचार राष्ट्र के विकाश के लिया अत्यंत प्रासंगिक – आचार्य डॉ. वाजपेयी दर्शन परिषद् (मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़) के 19 वें राष्ट्रीय अधिवेशन एवं राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का शुभारम्भ दिनांक 24 फरवरी 2024 को दीप प्रज्वलन एवं माँ सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुवा. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आचार्य डॉ. अरुण दिवाकरनाथ वाजपेयी, कुलपति, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर ने केंद्रीय विषय “एकात्म मानववाद” पर बोलते हुवे कहा कि जब तक हम अपने जीवन में योग की महत्ता नहीं समझेंगे, एकात्म मानववाद स्थापित नहीं हो सकता. बीज वक्तव्य के वक्ता प्रो. अम्बिका दत्त शर्मा, डॉ. हरी सिंह विश्विद्यालय सागर, मध्यप्रदेश ने दीनदयाल उपाध्याय के एकात्मवाद पर चर्चा करते हुये इसका आधार की सनातन ज्ञान परंपरा को बताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि एकात्मवाद को स्थापित करने के लिए हमें भारतीय ज्ञान परंपरा की ओर लौटना होगा. मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ दर्शन परिषद् के अध्यक्ष प्रो. भरत कुमार तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया तथा परिचय महामंत्री प्रो. श्रीकांत मिश्र जी, रीवा ने दियादर्शन श्री पुरस्कार डॉ. विनीता अवस्थी तथा राय बहादुर स्मृति पुरस्कार डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय वाराणसी को दिया गया. अधिवेशन में प्रो. अम्बिका दत्त, सागर, प्रो. विजय कुमार मुजफ्फरपुर बिहार, डॉ. जयंत उपाध्याय, डॉ. सूर्यकांत पाण्डेय, वर्धा (महाराष्ट्र), डॉ. राजेश तिवारी, प्रयागराज, अवनीश चन्द्र पाण्डेय, बलिया उत्तरप्रदेश, उपस्थित रहे. डॉ. प्रवीन जोशी उज्जैन, डॉ. श्याम किशोर सिंह, बिहार, डॉ. सुभोध श्रीवास्तव, वाराणसी, डॉ. भगवंत सिंह, डॉ. रंजना शर्मा, रायपुर, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. विन गुप्ता, डॉ. देवदास साकेत, डॉ. सूर्यप्रकाश द्विवेदी, डॉ. ज्जोखू लाल साहू, शिव कुमार साकेत, डॉ. सुजय सिंह, रीवा, डॉ. ज्योति चौधरी ग्वालियर, डॉ. नरेन्द्र कुमार बौद्ध, डॉ. सत्यनारायण देवलिया, सागर, प्रो. विशाल, पाटलिपुत्र, रामगोपाल राठौर, प्रो. गौकरण जोशी, जांजगीर, डॉ. शिव कुमार बंजारे, प्रो. स्नेहा थवाईत, प्रो. विनीता जडाला, प्रो. कोमल शुक्ल, प्रो. वंदना टोप्पो, प्रो. नरेन्द्र गिरि, नवागढ़, डॉ. अंगेश चंद्रा, प्रो. प्रदीप पटेल, प्रो. योगेश साहू, प्रो. राजू पटेल, प्रो. मंजुला देवांगन, प्रो, रश्मि राठौर, प्रो. अविनाश टोप्पो, प्रो. नवल किशोर अजगले, प्रो. आशुतोष पैकरा, सारागांव, डॉ. हीरालाल शर्मा, प्राचार्य, बिर्रा, डॉ. मुकेश कुमार, बिर्रा इत्यादि उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. भूपेंद्र कुमार पटेल, प्राचार्य, नवीन शासकीय महाविद्यालय, नवागढ़ ने की. उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अपने स्व को जागृत किये बिना तथा जिस भू-भाग में वे रहते हैं, के प्रति राष्ट्रभाव जागृत किये बिना किसी राष्ट्र की परिकल्पना करना संभव नहीं है. इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ. विनीता अवस्थी को परिषद् की ओर से “दर्शन श्री” अलंकरण से नवाजा गया. परिषद् की ओर से अध्यक्ष डॉ. भरत तिवारी, महासचिव डॉ. श्रीकांत मिश्र तथा मुख्य अतिथि डॉ. ए.डी.एन. वाजपेयी ने श्रेष्ठ आयोजन के लिए आयोजक महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. भूपेन्द्र कुमार पटेल को सम्मान-पत्र भेंट कर सम्मानित किया. महासचिव डॉ. श्रीकांत मिश्र ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुये कार्यक्रम का विस्तृत परिचय दिया. संपूर्ण उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुश्री स्नेहा थवाईत ने किया. प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. देवधर महंत, बिलासपुर तथा प्रतिवेदक एवं सञ्चालन का कार्य डॉ. रश्मि पटेल जबलपुर ने किया. प्रथम सत्र में श्रीमती मालतीदेवी पुन्नीलाल पटेल पर्यावरण दर्शन इंडोमेंट लेक्चर कोहिमा नागालैंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. एन.डी.आर. चंद्रा ने दिया. इसी प्रकार डॉ. गंगा प्रसाद डनसेना, डॉ. नरेन्द्र बौद्ध, डॉ. ए.डी. शर्मा, डॉ. भगवंत सिंह, डॉ. रंजना शर्मा तथा अन्य चार विद्वानों ने विभिन्न इंडोमेंट लेक्चर प्रस्तुत किया. प्रथम दिवस के सायं कालीन सत्र के पश्चात् परिषद् के पदाधिकारियों तथा समस्त पार्षदों की एक बैठक आहूत की गई जिसमें पूर्व सम्मेलन के दौरान आहूत बैठक के निर्णयों को सर्व सम्मति से पारित किया गया तथा इस बैठक में अनेक सकारात्मक निर्णय लिए गए. पारित निर्णयों में मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विश्विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में धर्मं दर्शन, योग जैसे भारतीय ज्ञान परंपरा के पाठ्यक्रमो एवं विषयों को प्रारंभ करने हेतु राज्य शासन से मांग करने का निर्णय लिया गया. संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में अंतररास्ट्रीय भजन गायिका श्रुति प्रभला, बिलासपुर ने कबीर दर्शन पर शास्त्रीय भजन प्रस्तुत किया. तबले पर भोपाल के शाहनवाज हुसैन तथा बांसुरी पर सेभ्य कुमार साहू ने संगत किया. इस अवसर पर पी. रामाराव, पी श्रीलेखा, पी.टी.आई. पत्रकार राजेश दुआ, कल्याण कुंडू, देवी प्रसाद शुक्ला, विजय राघवन, शेखर राव, बिलासपुर इत्यादि उपस्थित थे. अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. देवदास साकेत ने किया.
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