सफल शिक्षण – अधिगम प्रक्रिया के लिए स्वयं को निरंतर उन्नत करना आवश्यक है

विनोद उपाध्याय

राज्य स्तरीय नेतृत्व विकास कार्यशाला में कोरबा से व्याख्याता उपासना पाठक ओझा ने भाग लिया

कोरबा, 24 फरवरी । रायपुर में निमोरा में स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य ग्रामीण विकास और पंचायत संस्थान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन स्कूल लीडरशीप अकादमी और राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के तत्त्वाधान में किया गया जिसमें भारत के प्रख्यात शिक्षाविदों के साथ छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग से संबंधित अधिकारी, छत्तीसगढ़ में स्कूली शिक्षा की दिशा निर्धारित करने वाले एस सी ई आर टी के विद्वान प्राध्याप‌क एवं व्याख्याता गण, विभिन्न स्कूला के प्रधान पाठक, प्राचार्य एवं ऐसे शिक्षक जिन्होंने अपने कार्यों से स्कूल लीडरशीप के विकास को नया आयाम दिया, शामिल थे। सेमिनार में जिले का प्रतिनिधित्व करने के कोरबा लिए, डाइट, कोरबा के प्राचार्य राम हरि सर्राफ ने छग एस एल र द्वारा जारी की गयी गाइड लाइन का अनुसरण करते हुए उपासना पाठक ओझा, व्याख्याता, शा. उ. मा. विद्यालय, नवापारा, वि.सं. करतला, कोरबा का नाम राज्य से प्रस्तावित किया।

उपासना पाठक ओझा ने लीडर शीप एक्टिविटिज-रोल आफ स्कूल लीडर्स इन एथिकल प्रैक्टिसेज पर अपने रिसर्च पेपर का प्रस्तुतिकरण किया। उन्होंने बताया कि आज की बदलती परिस्थितियों- में शिक्षको को सतत् सीखते रहना चाहिए और अपने आपको अपडेट रखना चाहिए। छात्रों के समग्र विकास में उनके संवेगात्मक विकास पर विशेष बल दिया जाना चाहिए जिससे कि वे एक मजबूत विश्व नागरिक बन सकें।


सेमिनार का उद्‌घाटन एस सी ई आर टी के डायरेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा (आई ए एस) ने किया। इस अवसर पर नेशनल सेंटर फॉर स्कूल लीडरशीप से नई दिल्ली की सहायक प्राध्यापक डॉ. शादया अहजार अहेज ने छन्ग राज्य को देश में पहनी बार इस तरह के आयोजन के लिए बधाई दी नीडरशीप विकास के लिए आवश्यक तथ्यों पर प्रकाश डाला। सेमिनार में एजुकेशन सेक्रेटरी सिद्धार्थ कोमल परदेशी जी, बिलासपुर एवं सरगुजा के जे.डी. रामायण आदित्य एवं हेमंत उपाध्याय , प्राचार्य आई ए एस ई बिलासपुर से मनोज सिंह , एस सी ई आर टी रायपुर से कामायनी कश्यप , भोपाल से भी ओसमान खान, झारखंड से डी. एन. सिंह नी, एवं देश भर से अन्य सदस्य उपस्थित रहे। सेमिनार में देश भर के अनेक प्रतिभागियों की ऑनलाइन प्रस्तुति भी रही। कार्यक्रम का मार्गदर्शन श्री डी. दर्शन सर, एस सी ई आर टी के कुशल नेतृत्व में सम्पन्न हुआ।