KORBA : हसदेव अमृत वाटिका की सुरक्षा व स्वच्छता हेतु स्वयंसेवकों में बहाया पसीना

 

कोरबा, 18 फरवरी I अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर से संबद्ध कमला नेहरू महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा गोदग्राम भादा में निर्मित किए गए हसदेव अमृत वाटिका की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए स्वयंसेवकों ने दिवा शिविर  का आयोजन किया। 

अटल  विश्वविद्यालय के रासेयो कार्यक्रम समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रशांत  बोपापुरकर के मार्गदर्शन में आयोजित दिवा  शिविर के दौरान रासेयो जिला संगठक़ वाय के तिवारी के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने मेरी माटी मेरा  देश कार्यक्रम के अंतर्गत आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष  में रोपित किए गए फलदार व औषधीय पौधों की वाटिका को खंबे गड़ाकर परिसर को जालीदार तार से सुरक्षित बनाने हेतु श्रमदान किया तथा वाटिका के भीतर उगे कंटीली झाड़ियो  तथा खरपतवारों की सफाई कर वाटिका को सुंदर व आकर्षक बनाने का प्रयास किया। हसदेव अमृत वाटिका सुरक्षित व स्वच्छ बनाने हेतु आयोजित दिवा शिविर में  रासेयो इकाई की वरिष्ठ स्वयंसेविका वर्णिता सीमा बखला, मेरी पूर्णिमा, बबीता, सन्नी राव जगताप, अनिष कुमार, अजय कुमार पैकरा, राहुल पूर्ति आदि स्वयंसेवकों का सक्रिय योगदान रहा।

शिशु संरक्षण माह के संबंध में दी गई जानकारी

16 फरवरी से 25 मार्च तक शिशु संरक्षण माह के अंतर्गत देश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से विटामिन ए की खुराक पिलाने तथा आई एफ ए सिरप पिलाकर बच्चों व गर्भवती माताओं को सुपोषित बनाने हेतु कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ स्वयंसेवक रॉकी जाटवर, सत्येन्द्र पाल, विनय अग्रवाल आँचल यादव, आशीष यादव  आदि ने ग्राम के लोगों को जानकारी देने के लिए घर-घर जाकर संपर्क किया।  9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने तथा आयरन का सिरप पिलाकर बचपन को संवारने के लिए स्वयंसेवकों ने आंगनवाड़ी सहायिका श्रीमती कंचन यादव तथा मितानिन श्रीमती निशा यादव से संपर्क कर बच्चों के स्वास्थ्य व सुपोषण के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रदान कर बच्चों की माताओं तथा गर्भवती माताओं को पोषण के संबंध में समझाया।  

दिवा शिविर के आयोजन में रासेयो के कार्यक्रम अधिकारी जी एम उपाध्याय, श्रीमती प्रीति द्विवेदी व ग्राम के वरिष्ठ नागरिक सत्यनारायण यादव, किशन यादव, धीरज यादव, उदय दास महंत, फिरत लाल यादव, कन्हैया लाल यादव, कांता प्रसाद यादव, जयप्रकाश पटेल का सक्रिय योगदान रहा।

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