OBC समुदाय से माफी मांगें राहुल गांधी – राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को ओबीसी में उनके सीएम बनने के बाद शामिल किया गया था।

राहुल के बयान को केंद्र सरकार ने गलत बताते हुए कई साक्ष्य पेश किए हैं। उधर, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की है।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा कि पूरे भारत में करोड़ों ओबीसी लोग हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नासमझी भरे बयानों के कारण राहुल गांधी के दयनीय आचरण पर गुस्से से उबल रहे हैं। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी की ओबीसी जाति के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की है।

आयोग ने कहा कि ‘मोध घांची’ को ओबीसी सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई 1994 को गुजरात सरकार द्वारा जारी की गई थी। इससे पहले गुजरात में एक सर्वेक्षण के बाद, मंडल आयोग ने भी सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की थी, जिसमें मोध-घांची जाति को शामिल किया गया। गुजरात राज्‍य के लिए अन्‍य पिछड़े वर्गो की केन्‍द्रीय सूची में मोध-घांची जाति समेत 104 जातियां हैं। मोध-घांची जाति को अन्‍य पिछड़े वर्गो की केन्‍द्रीय सूची में शामिल करने के लिए दिनांक 15-11-1997 को राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी सलाह दी थी।

राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह पर केन्‍द्र सरकार ने दिनांक 27-10-1999 को मोध-घांची जाति को अन्‍य पिछड़े वर्गो की केन्‍द्रीय सूची में शामिल करने के लिए गजट नोटी‍फिकेशन जारी किया था। राष्‍ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सलाह केन्‍द्र सरकार पर साधारणत: बाध्‍य थी।

पिछड़ा आयोग ने कहा कि अजीब है कि राहुल गांधी के बयानवाजी से स्‍पष्‍ट है कि ओबीसी समुदाय के प्रति उनके मन में नफरत है जो उन्हें स्पष्ट रूप से अपने पूर्वजों से विरासत में मिली है। संसद के पटल पर प्रधानमंत्री मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के आरक्षण विरोधी रवैये को उजागर किया। मंडल आयोग के विरोध में संसद में राजीव गांधी की टिप्पणियां सर्वविदित हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा भी नहीं देना चाहते थे। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दे दिया है। आज कांग्रेस और राहुल गांधी करोड़ों ओबीसी को अपमानित कर रहे हैं और विभाजन के बीज बोने का प्रयास कर रहे हैं।

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