कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा वादा किया है। उन्होंने सोमवार को रांची में कहा कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर देशभर में जाति जनगणना कराई जाएगी और आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा हटाई जाएगी।
रांची के शहीद मैदान में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत आयोजित मणिपुर-टू-महाराष्ट्र भारत रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब जाति जनगणना की मांग उठी और ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया, तो प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई जाति नहीं है, लेकिन जब वोट लेने का समय आता है तो प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह ओबीसी हैं।
राहुल ने आरोप लगाया कि झारखंड के मुख्यमंत्री आदिवासी होने के कारण भाजपा ने झामुमो-कांग्रेस-राजद की गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिश की। उन्होंने कहा, गठबंधन के सभी विधायकों और सीएम चंपई सोरेन जी को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने भाजपा-आरएसएस की साजिश को रोका और गरीबों की सरकार की रक्षा की।
गांधी ने दावा किया कि देश में दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को बंधुआ मजदूर बना दिया गया। बड़ी कंपनियों, अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों और अदालतों में इनकी भागीदारी का अभाव है। आज यह भारत के सामने सबसे बड़ा सवाल है। हमारा पहला कदम देश में जाति जनगणना कराना होगा। गांधी ने वादा किया कि सत्ता में आने पर इंडिया गठबंधन की सरकार आरक्षण पर लगी 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म कर देगी। बता दें, मौजूदा प्रावधानों के तहत 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
कांग्रेस नेता ने कहा, दलितों और आदिवासियों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं की जाएगी। मैं आपको गारंटी दे रहा हूं कि समाज के पिछड़े वर्गों को उनका अधिकार मिलेगा। देश में सामाजिक और आर्थिक अन्याय सबसे बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते थे कि वह ओबीसी हैं लेकिन जब जाति जनगणना की मांग हुई तो उन्होंने कहा कि यहां केवल दो जातियां हैं- अमीर और गरीब। गांधी ने दावा किया, जब ओबीसी, दलितों, आदिवासियों को अधिकार देने का समय आया, तो मोदी जी कहते हैं कि कोई जाति नहीं है, और जब वोट पाने का समय आया, तो वे कहते हैं कि वह ओबीसी हैं।
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