यूपी के बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में धांधली का मामला सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को 3 सरकारी कर्मचारियों समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
इन आरोपियों में दो एडीओ , एक लिपिक के अलावा 12 बिचौलिए शामिल हैं. अबतक की जांच में 240 फर्जी शादियां होने की बात सामने आई है हालांकि जांच अभी चल रही है. दरअसल, मनियर इंटर कॉलेज परिसर में 25 जनवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया था. इस आयोजन में 568 जोड़ों के सामुहिक विवाह का आयोजन किया गया था, जिसमें कई कन्याओं की ओर से घूंघट में खुद ही वरमाला डालकर सरकारी धन के लालच में बिना दुल्हे के ही विवाह करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इसके बाद शादी में फर्जीवाड़ा की बात सामने आने लगी. सोमवार को सीडीओ ने जांच के लिए ब्लॉकवार 20 अधिकारियों की टीम बनाकर जांच करानी शुरू कर दी. पहले दिन की जांच के आधार पर आठ लाभार्थियों व एक एडीओ समाज कल्याण पर मुकदमा दर्ज कराया गया. इसके बाद से ही पुलिस भी सक्रिय हो गई.
पुलिस पहुंची जिला समाज कल्याण कार्यालय तो बढ़ी बेचैनी
बुधवार की शाम को पुलिस ने समाज कल्याण विभाग के सामूहिक विवाह योजना के पटल प्रभारी को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने गुरुवार को एकबार फिर दस्तक दी और योजना से संबंधित कई दस्तावेजों को कब्जे में लेकर चली गई. जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस की ओर से की जा रही जांच के लिए जो भी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं उपलब्ध कराया जा रहा है. पुलिस के दूसरे दिन पहुंचते ही समाज कल्याण के साथ ही अन्य विभागों के कर्मियों में बेचैनी रही. शाम को डीएम व एसपी ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया. अब तक हुई जांच में तीन अधिकारी-कर्मचारी समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि अभी विवेचना चल रही है. दो दिनों पहले सामूहिक विवाह में हुए फर्जीवाड़ा के बाबत मनियर थाने में एक एडीओ समेत कुल नौ लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया.
जिनके भी नाम सामने आएंगे उनका बचना मुश्किल- सीडीओ
जानकारी के मुताबिक अधिकारियों की ओर से की गई जांच में ही कई अपात्रों की ओर से आवेदन कराने वालों का नाम बताया गया जो पुलिस को दिए गए हैं. इसके अलावा पुलिस की पूछताछ में कई नाम प्रकाश में आए हैं जो इस रैकेट में शामिल थे. पुलिस लगातार ऐसे लोगों की तलाश में जुटी है. बुधवार को देर रात तक कई गांवों में पुलिस ने दस्तक दी और अलग-अलग गांवों से 12 लोगों को हिरासत में ले लिया. सामूहिक विवाह योजना में हुए फर्जीवाड़ा में अधिकारियों व पुलिस की कार्रवाई को देख कई दलाल अंडरग्राउंड हो चुके हैं. सीडीओ ओजस्वी राज ने बताया कि जिनके भी नाम सामने आएंगे उनका बचना मुश्किल है. अब तक की जांच में कुल 240 अपात्रों के नाम सामने आए हैं. हालांकि अभी जांच चल रही है. पुलिस ने दो एडीओ व एक पटल प्रभारी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की. मनियर ब्लॉक के एडीओ समाज कल्याण सुनील कुमार यादव को पहले ही निलंबित किया जा चुका है. अब तीन ब्लॉकों बांसडीह, रेवती व बेरुआरबारी के एडीओ समाज कल्याण भानुप्रताप व समाज कल्याण विभाग के हॉस्टल अधीक्षक व पटल प्रभारी रविंद्र गुप्ता के निलंबन की संस्तुति भी शासन को भेज दी गई है.
3 अधिकारी और 12 बिचौलिए गिरफ्तार, विवेचना जारी
बता दें कि सामूहिक विवाह योजना में हुए फर्जीवाड़ा की जैसे जैसे जांच हुई दलाल, ब्लॉक कर्मचारी व समाज कल्याण विभाग में तैनात पटल प्रभारी की सांठगांठ सामने लगी. गुरुवार को भी पूरे दिन जिलाधिकारी रविंद्र कुमार व एसपी देवरंजन वर्मा के निर्देश पर अधिकारी व पुलिस अफसर कार्रवाई में जुटे रहे. मनियर थाने में मंगलवार को दर्ज मुकदमे में ही पकड़े गए 12 लोगों के साथ ही दो एडीओ व एक पटल प्रभारी को भी आरोपी बनाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने दावा किया है कि अभी विवेचना चल रही है और जो भी दोषी होंगे वह बचेंगे नहीं. कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी कईयों पर कार्रवाई हो सकती है. पुलिस ने अब तक एडीओ समाज कल्याण मनियर सुनील कुमार यादव, सहायक पटल अधिकारी रविंद्र गुप्ता, सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण भानुप्रताप, आलोक श्रीवास्तव, थाना बांसडीह, उपेन्द्र यादव थाना मनियर, दीपक चौहान, थाना रेवती,मुकेश कुमार गुप्ता, थाना रेवती, रामजी चौहान निवासी थाना सहतवार, संतोष यादव निवासी थाना सहतवार, अर्जुन वर्मा निवासी थाना सहतवार, पूर्व प्रधान रामनाथ, थाना मनियर, अच्छेलाल वर्मा निवासी थाना मनियर, धर्मेन्द्र यादव निवासी थाना मनियर, गुलाब यादव निवासी थाना मनियर, सर्वजीत सिंह निवासी थाना सहतवार को गिरफ्तार किया है.
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