रायपुर,04 फरवरी । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने EVM पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मैं कुछ दिन पहले महासमुंद गया था, वहां पर एक बुजुर्ग महिला ने मुझे रोक कर कहा कि हमने तो वोट दिया था, हमारा वोट कहां गया? मंच पर कार्यक्रम के दौरान एक बुजुर्ग व्यक्ति ने मुझसे कहा कि अब बैेलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए, EVM से नहीं। बघेल ने कहा कि यह बात लोगों तक पहुंच गई है कि EVM में खेल हो रहा है। हमें शुरू से इस पर विश्वास नहीं है। हमने यही मांग की है कि चुनाव EVM से नहीं बैलेट पेपर से होना चाहिए। जब प्रधानमंत्री का अकाउंट हैक हो सकता है तो EVM क्यों नहीं। पूर्व सीएम ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब दूसरे ग्रह पर यहां से बैठकर मशीन को ठीक किया जा सकता है, पेंटागन और पीएम का अकाउंट हैक हो सकता है तो EVM कौन सी बड़ी बात है। कांग्रेस पार्टी का शुरू से स्टैंड रहा है कि चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिये EVM को हैक किया जा सकता है। 2018 में हम भारी बहुमत से जीते, इसके बाद निकाय चुनाव बैलेट से कराया। उसमें जीते तो हम पर सवाल उठाया जाता है कि जब हार जाते हैं, तभी हम EVM पर सवाल उठाते हैं।
मोदी की गारंटी असफल, किसान ठगा गया
भूपेश बघेल ने कहा कि मोदी की गारंटी असफल है, किसानों को 2 साल का बोनस तक सही ढंग से नहीं मिला। वादा किया गया था कि किसानों को 2 साल का बोनस दिया जाएगा, जबकि यह पुराना बोनस दिया गया जो 2014-15 का था। उस साल सूखा भी पड़ा था। बघेल ने कहा कि जिन किसानों को बोनस मिला भी है उनमें भी कई अभी परेशान है। कुछ लोग मर चुके हैं, कुछ लोगों में बंटवारा हो गया है, पर अब तक बोनस की राशि नहीं पहुंच पाई है। मोदी की पहली गारंटी पूरी तरीके से असफल रही है। किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
महिलाओं को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के लिए बीजेपी नेता कह रहे थे कि डॉ रमन की पत्नी और भूपेश बघेल की पत्नी को भी इस योजना का लाभ मिलेगा लेकिन अब आप क्राइटेरिया देखिए। लोगों को अलग-अलग सर्टिफिकेट बनाने के लिए बेहद परेशान होना पड़ेगा। महतारी वंदन योजना के लिए जो क्राइटेरिया जारी किया गया है उसमें सर्टिफिकेट बनाने को कहा गया है। मूल निवासी प्रमाण पत्र, मैरिज सर्टिफिकेट। इन तमाम कामों में लोगों को बहुत वक्त लगेगा। बड़ी संख्या में लोग इसके कारण परेशान होंगे। आपने तो 60 लाख फॉर्म ही भरवा लिए हैं, कम से कम उतने लोगों को तो दीजिए। जो क्राइटेरिया तय किया गया है उसमें तो 60 लाख लोगों को लाभ ही नहीं मिल पाएगा। फॉर्म भरने की जो प्रक्रिया है उसमें बहुत लंबा समय लगेगा। यानी यह साफ है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है।
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