रायपुर,03 फरवरी । उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने शनिवार को बिलासपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित जनदर्शन में बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने एक-एक कर लगभग 200 लोगों से व्यक्तिगत एवं प्रतिनिधि मण्डल के रूप में मिलकर विभिन्न मांगों एवं समस्याओं से संबंधित ज्ञापन लिए। उन्होंने सभी आवेदनों पर समुचित समाधान एवं निराकरण का भरोसा दिलाया। प्रभारी मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद उनका बिलासपुर में यह पहला जनदर्शन कार्यक्रम था।
जनदर्शन में विधि प्रकोष्ठ के सह संयोजक संजीव पाण्डेय ने ज्ञापन सौंपकर बिलासपुर में केन्द्रीय औद्योगिक श्रम न्यायालय, केन्द्रीय ऋण वसूली प्राधिकरण, केन्द्रीय प्रशासनिक अभिकरण एवं रेल दावा अभिकरण जल्द स्थापित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के इतने लम्बे समय बाद भी इन न्यायालयों में मामला दाखिल करने के लिए मध्यप्रदेश पर निर्भर होना पड़ता है जो कि आर्थिक, मानसिक सहित सभी दृष्टिकोण से अव्यावहारिक एवं श्रमसाध्य है। उप मुख्यमंत्री ने उनकी मांग पर सहमति व्यक्त करते हुए गंभीरता से कार्यवाही का आश्वासन दिया। सरगांव की मावली माता महिला समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने जनदर्शन में उप मुख्यमंत्री साव को 10 से 18 फरवरी तक आयोजित देवी भागवत महापुराण में शामिल होने का आमंत्रण दिया। साव ने निमंत्रण के लिए धन्यवाद देते हुए आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
उप मुख्यमंत्री साव ने अपने निवास कार्यालय में विकसित भारत प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाई। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने भी जनदर्शन में उप मुख्यमंत्री से मुलाकात कर नशा के खिलाफ बिलासपुर पुलिस द्वारा संचालित निजात अभियान के सुखद परिणाम की जानकारी दी। साव ने निजात अभियान का समर्थन करते हुए सभी लोगों को इस अभियान से जुड़कर नशे के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित करने का आह्वान किया। उन्होंने अभियान के प्रचार के लिए सेल्फी भी खिंचाई। जनदर्शन में बिलासपुर के साथ-साथ आसपास के जिले के लोगों ने भी उप मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपे। प्रभारी मंत्री के रूप में बिलासपुर जिले का प्रभार मिलने पर जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने उप मुख्यमंत्री साव का अभिनंदन किया। उप मुख्यमंत्री ने जनदर्शन में अपनी समस्या लेकर पहुंची अमेरी अकबरी गांव की दिव्यांग महिला के समीप पहुंचकर उनका दुख-दर्द सुना और निराकरण का आश्वासन दिया।
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