ब्रांडेड कंपनियों के नाम पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा नकली सामान, खरीदारी के समय रहें सावधान

रायपुर,18 जनवरी । छत्‍तीसगढ़ के बाजारों से यदि आप क्रीम, तेल, टीवी, टी-शर्ट, पानी की टंकी और इंजन आयल खरीद रहे हैं तो एक बार प्रोडक्ट की अच्छी तरह से जांच कर लें। आपके द्वारा खरीदे जाने वाला उत्पाद डी-प्रोडक्ट (डुप्लीकेट) हो सकता है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई से इस बात का राजफाश हुआ है।

राजधानी समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कारोबार करने वाले कुछ कारोबारी ज्यादा मुनाफे के लालच में डी-प्रोडक्ट अपने ग्राहकों को थमा रहे हैं और उनका आर्थिक नुकसान के साथ शारीरिक नुकसान भी पहुंच रहे हैं। विभागीय अधिकारी भी कंपनी की शिकायत पर कार्रवाई करने निकलते हैं। एक वर्ष में प्रदेश में 50 से ज्यादा लोगों पर कार्रवाई हुई है।

50 से ज्यादा कारोबारी धरे गए

डी-प्रोडक्ट के इस कारोबार में शामिल 50 से ज्यादा कारोबारियों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने संबंधित कंपनियों की शिकायत के बाद एक वर्ष के भीतर पकड़ा। पुलिस के हत्थे चढ़े आरोपितों में से 20 से ज्यादा कारोबारी रायपुर के हैं। इन आरोपितों से करोड़ों रुपये का नकली सामान बरामद किया गया है। जो सामान बरामद किया गया, उसमें साबुन, शैंपू, कास्मेटिक, नारियल तेल, सरसों तेल, इंजन आयल, इलेक्ट्रानिक सामान, ब्रांडेड कपड़ा, जूता, पानी की टंकी, पानी के पाइप, चायपत्ती, चावल सहित अन्य सामान शामिल है।

दिल्ली, मुंबई से पहुंचता है नकली सामान

रायपुर में सबसे अधिक मुंबई और दिल्ली के बाजार से नकली सामान की सप्लाई होती है। स्थानीय कारोबारी वहां से खरीदकर लाने के बाद कम कीमत पर इसे बेचते हैं। वहीं कीमतों में अंतर होने और दुकानदार द्वारा गारंटी के आश्वासन पर यह खप जाता है। इसमें वह नामचीन कंपनियों के नाम, स्टीकर का उपयोग करते हैं।

10 करोड़ से ज्यादा का कारोबार

कारोबारियों के अनुसार प्रदेश में डी-प्रोडक्ट का बड़ा कारोबार है। रायपुर समेत प्रदेश में सालभर में 10 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होता है। नकली सामान बेचने का धंधा रायपुर समेत पूरे प्रदेश में चल रहा है। शिकायत पर रायपुर, महासमुंद, राजनांदगांव, दुर्ग और बिलासपुर में कार्रवाई हुई है। रायपुर एएसपी लखन पटले ने कहा, नकली सामान बनाना और बेचना गैर कानूनी है। अगर नकली मार्का का यूज किया जाता है तो संबंधित कंपनी के साथ मिलकर पुलिस कापीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई करती है।

कैनन कंपनी के नाम पर बेच रहे थे नकली उत्पाद

इंटरनेशनल ब्रांड कैनन का नकली सामान बेचने वाले तीन कारोबारियों को गोलबाजार पुलिस ने पकड़ा था। मिलेनियम प्लाजा, आइटी माल, साक्षी कंप्यूटर सर्विस, गर्ग इंटरप्राइजेज में दबिश देकर वहां से प्रिंटर में लगने वाली 73 बाक्स टोनर इंक के साथ ही लाखों का नकली सामान बरामद किया गया। मिलेनियम प्लाजा में साक्षी कंप्यूटर के संचालक गजेंद्र सिंह, आइटी माल के संचालक सौरभ नाहटा और मिलेनियम प्लाजा के सामने स्थित गर्ग इंटरप्राइजेज के संचालक विकास अग्रवाल कैनन कंपनी के नकली उत्पाद को असली बता कर बेच रहे थे।

नामी कंपनी का स्टीकर लगाकर बेच रहे थे इंजन आयल

मौदहापारा थाना पुलिस ने नकली इंजन आयल का कारोबार करने वाले को पकड़ा था। नामी कंपनी का लेबल, स्टीकर लगाकर दुकानदार नकली आयल बेच रहा था। हीरो मोटोकार्प के अधिकृत डिस्टीब्यूटर संजय जादवानी ने मौदहापारा थाने में शिकायत की थी कि देवपुरी स्थित शिव शक्ति लुब्रीकेंट के संचालक रोहित पिंजानी हीरो मोटोकार्प कंपनी का नकली इंजन आयल बेच रहा है। उसके पास से 14 पेटी यानी 280 बोतल हीरो मोटोकार्प का नकली इंजन आयल बरामद किया गया था।

कैंट आरओ कंपनी के नाम पर बेच रहे थे नकली प्यूरीफायर

कैंट आरओ कंपनी के प्यूरीफायर का नकली पार्ट्स बिक्री करने वाले आरोपित को गिरफ्तार किया गया था। वह दिल्ली से लाता था। गंज थाना क्षेत्र में टिंबर मार्केट फाफाडीह स्थित पाटीदार एक्वा शाप के संचालक योगेश पटेल नकली सामग्री बेच रहा था। दुकान पर जाकर कैंट आरओ कंपनी के पियूरीफायर सामग्री को चेक करने पर वह नकली पाई गई। वहां से कैंट आरओ कंपनी पियूरीफायर का नकली सेडीमेंट फिल्टर 35 नग, कार्बन फिल्टर 37 नग, मैंबरीन 18 नग, वाटर पंप हेड 14 नग और पावर कंट्रोलर 39 नग जब्त किया गया।

कापीराइट के तहत कार्रवाई

नकली सामान बेचते पकड़े जाने पर पुलिस कापीराइट एक्ट के तहत कार्रवाई कर सामान जब्त करती है। कारोबारी को गिरफ्तार कर जमानत पर सशर्त रिहा कर दिया जाता है। वहीं चालान पेश करते समय आरोपित कारोबारी को कोर्ट में उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है।

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