कार्यशाला में उपस्थित विवेचकों को आगामी एक माह तक में उक्त प्रशिक्षण को अनिवार्य रूप से पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया

जांजगीर चांपा,17 जनवरी I बर्तमान में प्रचलित भारतीय दंड संहिता, आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता, और साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता शीघ्र ही प्रभावशील किया जाना प्रस्तावित है। पुलिस मुख्यालय एवं रेंज कार्यालय द्वारा सभी जिला पुलिस इकाई में विवेचकों को भारतीय न्याय संहिता के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्रदाय करने हेतु कार्यशाला आयोजित करने निर्देशित किया गया है जिसके परिपालन में पुलिस अधीक्षक जांजगीर के द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस अधीक्षक कार्यालय सभा कक्ष जांजगीर में दिनांक 16.01.2024 को किया गया। कार्य शाला के दौरान पुलिस अधीक्षक जांजगीर द्वारा उपस्थित विवेचकों को विस्तृत जानकारी दिया कि भारतीय न्याय संहिता 26 जनवरी से देश के कुछ विकसित जिलों में प्रभावशील होगी, इसके बाद धीरे- धीरे सभी राज्यों में प्रभावशील होगा।

जांजगीर चांपा जिले में पूर्व प्रचलित भारतीय दंड संहिता, अपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता व साक्ष्य अधिनियम ही प्रचलन में रहेंगे किंतु नये भारतीय न्याय संहिता का ज्ञान सभी विवेचकों, पुलिसकर्मियों को होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिकांश अपराधों को आईपीसी से अलग रखती है। उन्होंने विस्तार पूर्वक भारतीय न्याय संहिता के अनुसार परिवर्तित होने वाली आईपीसी, सीआरपीसी की धाराओं की जानकारी विवेचकों को दिए और विवेचकों के मन में उठ रहे प्रश्नों के जवाब दिया गया। इस प्रकार की कार्यशाला विवेचकों के लिए लाभकारी होता है ।

भारतीय न्याय संहिता का ज्ञान होना पुलिसकर्मियों के लिए अति आवश्यक है इस दिशा में पुलिस मुख्यालय द्वारा भारतीय न्याय संहिता अनुसार संशोधित धाराओं की पुस्तकें सभी थाना, चौकी और कार्यालय को उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अतिरिक्त स्वयं भी भारतीय न्याय संहिता से जुडी विषय वस्तु का संकलन करें, आने वाले समय में सभी पुलिसकर्मियों के लिए बहुपयोगी होगा । साथ ही आने वाले समय में और भी कार्यशालाएं आयोजित किए जाने की जानकारी दिए। उपरोक्त कार्यशाला में एसडीओपी जांजगीर प्रदीप कुमार सोरी और सभी थाना, चौकी के प्रधान आरक्षक लेखक तथा राजेंद्र सिंह क्षत्रिय (रीडर -1) उपस्थित रहे और कार्यशाला का लाभ लिये ।