आदिवासी बालक आश्रम में छात्रों ने धोखे से रतनजोत के जहरीले फल खा लिए, बच्चों की तबीयत बिगड़ी और करने लगे उल्टी, उपचार जारी

गरियाबंद ज़िले के मैनपुर से 18 किलोमीटर दूर दूरस्थ वनांचल बडेगोबरा आदिवासी बालक आश्रम सबसे बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। आदिवासी बालक आश्रम में पढ़ाई करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के छात्रों ने धोखे से रतनजोत के जहरीले फल को खा लिया। जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ गई और उल्टी करने लगे।

घटना की जानकारी लगते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने बच्चों को मोटरसाइकिल में बिठाकर घने जंगलो को पार करते हुए कल बीती रात 09 बजे मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया। जहां डॉक्टरों द्वारा बच्चों का उपचार किया जा रहा है।आदिवासी बालक आश्रम बडेगोबरा के प्रभारी अधीक्षक ने बताया कि बच्चे शाम को खाना खाने के बाद धोखे से रतनजोत के फल खा गये जिसके कारण उनकी तबीयत बिगड गई। तबीयत खराब होने के कारण बच्चो को मैनपुर अस्पताल लाया गया है।

बच्चे रतनजोत खाने की बात बता रहे

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर के बी एम ओ डाॅ गजेन्द्र ध्रुव, वरिष्ठ डाॅक्टर के.डी.जोगी ने बताया कि बच्चे रतनजोत खाने की बात बता रहे हैं। अभी अस्पताल लाये हैं, उपचार किया जा रहा है। गंभीर स्थिति को देखते हुए जरूरत पड़ी तो जिला अस्पताल रेफर किया जायेगा।