रायगढ़। ग्राम धनुहारडेरा में संचालित जानकी कॉलेज आफ एजुकेशन,जी. जी. इंग्लिश मीडियम स्कूल, गार्जियन एंड गाइड इंग्लिश मीडियम स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित वार्षिकोत्सव “सृजन” 2024 कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रायगढ़ के पूर्व विधायक विजय अग्रवाल एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में मनोज श्रीवास्तव सुप्रसिद्ध आर्टिस्ट एवं साहित्यकार , सुरेश माहेश्वरी सेवानिवृत आर. ई. एस. अंबिकापुर, रमेश गुप्ता पूर्व सरपंच ग्राम धनुहारडेरा,
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती तृप्ति अग्रवाल डायरेक्टर जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ ने की। कार्यक्रम में विशेष रूप से चेयरमैन शिरीष सारडा ,प्राचार्य डॉ गजेंद्र चक्रधारी जानकी कॉलेज ऑफ एजुकेशन धनुहारडेरा रायगढ़ शामिल हुए।
वार्षिकोत्सव “सृजन” 2024 का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व विधायक विजय अग्रवाल एवं विशिष्ट अतिथियों ने मां सरस्वती के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजा अर्चना कर किया। पश्चात अतिथियों का पुष्पगुच्छ, गुलदस्ता भेंटकर स्वागत सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक विजय अग्रवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कारवान होना चाहिए। माता-पिता और गुरु के बताए हुए ज्ञान को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। काम ऐसा करना चाहिए की खुद को आत्मसंतुष्टि हो आगे कहा कि डायरेक्टर तृप्ति जी ने वार्षिक उत्सव 2024 का नाम सृजन दिया है अच्छा नामकरण किया है । हम सभी पिछले 9 सालों में मोदी जी के नेतृत्व देश का जितना सृजन हुआ हम सब उसके जीता जागता प्रमाण है। हमारा देश 2047 तक विकासशील से विकसित भारत बनेगा ,ये मोदी जी की गारंटी है।मोदी जी के नेतृत्व में देश विश्वगुरु बनने की और अग्रसर है।
वार्षिकोत्सव “सृजन” 2024 रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में जानकी कॉलेज आफ एजुकेशन के छात्र-छात्राओं एवं जी,.जी. इंग्लिश मीडियम स्कूल, गार्जियन एंड गाइड इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चों ने आकर्षक नृत्य, डांस और भारतवर्ष के प्रदेशों के सांस्कृतिक परंपरा पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
वार्षिकोत्सव “सृजन” 2024 रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल एवं कॉलेज परिवार के श्रीमती शांति महंत प्रभारी जी. जी. बोर्डिंग इंग्लिश मीडियम स्कूल धनुहारडेरा रायगढ़ विद्यानंद पटेल ,दिनेश पटेल,नरेंद्र प्रधान ,विवेक कांबले,प्रतिभा पटेल सहित सभी कर्मचारी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं प्राध्यापकों का सहरानीय योगदान रहा है।
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