लखीमपुर खीरी । यूपी के लखीमपुर खीरी में एक दिन पहले नीमगांव के मूड़ा पासी गांव से पकड़े गए लोगों के पास से धौरहरा पुलिस ने भगवान विष्णु की अष्टधातु की मूर्ति बरामद की है। सवा तीन किलो वजनी इस मूर्ति की कीमत करीब पांच करोड़ रुपये बताई गई है। पुलिस ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी धौरहरा के सिसैया बस स्टैंड से दिखाई है।
धौरहरा पुलिस ने बताया कि मंगलवार को चेकिंग के दौरान लखीमपुर-बहराइच रोड पर सिसैया बस स्टैंड से गांव मूड़ा पासी थाना नीमगांव के दयाराम और पंकज को पकड़ा गया। उनके पास से भगवान विष्णु की विराट स्वरूप वाली अष्टधातु की मूर्ति बरामद की गई है। मूर्ति का वजन तीन किलो 250 ग्राम है। इसकी अनुमानित कीमत करीब पांच करोड़ रुपये बताई जा रही है। अभियुक्त पंकज से एक अवैध तमंचा और कारतूस भी बरामद हुआ है। मुकदमा दर्ज कर आरोपियों का चालान न्यायालय भेजा गया।
सुबह से शाम तक टालमटोल करती रही पुलिस
सोमवार की दोपहर करीब 12 बजे गांव मूड़ा पासी निवासी दयाराम और पंकज को कार सवार चार लोगों ने घर से उठाया था। बताया जा रहा है कि रात में एएसपी भी गांव पहुंचे थे। मामले में मूड़ा पासी निवासी शीला देवी ने पति दयाराम और चचेरे भाई पंकज को उठाए जाने की तहरीर भी थाना पुलिस को दी थी। दो ग्रामीणों को घर से उठाए जाने के बारे में चौकी और थाना पुलिस पूरे दिन टालमटोल करती रही। पहले दयाराम और पंकज के बारे में पुलिस ने कुछ भी बताने से इनकार किया। शाम के समय धौरहरा पुलिस ने मूर्ति बरामद होने के मामले का खुलासा किया। और दयाराम व पंकज को सिसैया बस स्टैंड से पकड़ने की बात कही।
तीन महीने पहले राजस्थान से चुराई गई थी मूर्ति
थाना धौरहरा पुलिस द्वारा पकड़ी गई करीब पांच करोड़ कीमत की अष्टधातु की मूर्ति तीन महीने पहले राजस्थान से चोरी की गई थी। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी नेपाल में मूर्ति बेचने की फिराक में थे। उनका नेपाल के एक व्यापारी से तीन करोड़ में सौदा भी हो गया था।
थाना प्रभारी दिनेश सिंह ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली थी कि दो आरोपी राजस्थान से मूर्ति चुराकर नेपाल के व्यापारी को बेचने की जुगत में हैं। इसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मूर्ति बरामद कर ली गई। पूछताछ में दोनों बदमाशों ने राजस्थान से तीन महीना पहले मूर्ति चोरी करने की बात कही। वे इसे नेपाल में बेचने की फिराक में थे।
दो महीना पहले जयपुर के एक व्यापारी से भी मूर्ति का सौदा हुआ था, लेकिन वह ढाई करोड़ रुपया दे रहा था, जबकि आरोपी तीन करोड़ मांग रहे थे। इस पर सौदा नहीं हो सका। इसके बाद नेपाल के एक व्यापारी से तीन करोड़ रुपये में सौदा तय हुआ था। उसे मूर्ति बेचने के लिए दोनों आरोपी नेपाल जा रहे थे, तभी मुखबिर की सूचना पर सिसैया चौराहे से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
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