अयोध्या से रामज्योति लेकर काशी पहुंचीं मुस्लिम महिलाएं, गूंजे जय सियाराम के जयकारे

वाराणसी,07 जनवरी I अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश के भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना है। इस दिन को यादगार बनाने में सभी रामभक्त तैयारी में जुटे हैं। इसी क्रम में काशी की मुस्लिम महिलाएं अयोध्या से रामज्योति लेकर रविवार को काशी पहुंचीं। रास्ते में जौनपुर में कई स्थानों पर रामज्योति यात्रा का स्वागत किया गया।

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में रामज्योति लाने के लिए शनिवार को यह यात्रा अयोध्या के लिए रवाना हुई। रविवार को नाजनीन अंसारी एवं डॉ. नजमा परवीन जब राम मंदिर के महंत शम्भू देवाचार्य से रामज्योति लेकर अयोध्या से वाराणसी के लिए चलीं तो जौनपुर में विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। रामज्योति का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई।
जौनपुर की सीमा में रामज्योति यात्रा के प्रवेश करने पर विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दूबे एवं हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र के जिला कोऑर्डिनेटर अल्लाउद्दीन भुल्लन ने अगवानी कर वाराणसी की सीमा तक पहुंचाया। वाराणसी की सीमा पर विशाल भारत संस्थान के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मोटर साईकिल दस्ते के साथ अगवानी की और रामज्योति यात्रा को सुभाष भवन तक पहुंचाया। इस दौरान जय सियाराम के नारे से परिसर गूंज उठा। सुभाष भवन में आरती और तिलक कर स्वागत किया गया।
रामज्योति को सुभाष भवन में रखा गया जहां लोग दर्शन कर सकते हैं। श्रद्धालु यहां से 21 जनवरी को रामज्योति ले जाकर अपने घरों को प्रकाशित कर सकेंगे। नाजनीन अंसारी ने सुभाष भवन पहुंचकर रामपंथ के पंथाचार्य डॉ. राजीव श्रीगुरुजी एवं मुस्लिम धर्मगुरु अफसर बाबा को रामज्योति सौंपी, जिसे दर्शन के लिए सुभाष भवन में रखा गया।

रामपंथ एवं विशाल भारत संस्थान द्वारा लमही के सुभाष भवन में मुस्लिम समुदाय के लिए ‘पूर्वजों से जुड़ो, राम से जुड़ो’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम धर्मगुरुओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

अयोध्या से रामज्योति लेकर वापस लौटीं मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर संघर्षों और हिंसा से बचाने के लिए प्रेरक के रूप में काम करेगा। मुस्लिम देशों के राष्ट्राध्यक्ष अयोध्या आकर प्रभु श्रीराम का दर्शन कर और श्रीराम के दर्शन को अपने देश में लोगों को बताएं। सत्ता और धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वालों के लिए रामभक्ति आवश्यक है। अपने देश को बचाना है तो अयोध्या आएं और अपने देश में भगवान श्रीराम का मंदिर बनवाएं।
जौनपुर के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दूबे ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने रामभक्ति की थी, तभी हम लोगों में रामभक्ति है और हम राम मंदिर बनने की खुशी मना रहे हैं। 22 जनवरी को हम अपने घरों पर रामज्योति जलाएंगे।

हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र की नेशनल कोऑर्डिनेटर आभा भारतवंशी ने कहा कि राम के आने की खुशी में सभी शामिल हैं, मुसलमानों को भी इस खुशी में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
हिन्दू मुस्लिम संवाद केंद्र के जिला कोऑर्डिनेटर अल्लाउद्दीन भुल्लन ने कहा कि हम राम से जुड़े हैं, हमारे पूर्वजों के खून में रामभक्ति है। पूर्वजों से जुड़कर ही भारत की संस्कृति को समझा जा सकता है।

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