महाविद्यालय इंस्टीटयूट ऑफ़ टेक्नालॉजी कोरबा के स्टाफ शासकीयकरण प्रस्ताव को लेकर पुन: लखन देवांगन को सौंपे ज्ञापन –


कोरबा,06 जनवरी। आई.टी कोरबा महाविद्यालय के अधिकारी/कर्मचारी आज पुन: महाविद्यालय के शासकीय करण प्रस्ताव को लेकर मंत्री लखनलाल देवांगन के पास पहुंचे। गौरतलब है कि विगत तीन चार वर्षों से महाविद्यालय के स्टाफ दर बदर हो रहे हैं। शासन प्रशासन के चक्कर काट रहे है।कभी वेतन की समस्या, तो कभी शासकीय करण न होने की। औद्योगिक संस्थानो (बाल्को,लैंको) ने भी वायदे पूरे नहीं किये। जो राशि इन संस्थानों द्वारा आई.टी कोरबा को मिलने थे, वो अप्राप्त है।
वित्तीय संकटों से जूझ रहा महाविद्यालय न्याय की तलाश में है। जिले में शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो गयी। पर एक शासकीय तकनीकी महाविद्यालय जिले को प्राप्त नहीं हो पाया है। इसे कोरबा जिले का दुर्भाग्य कहने में अतिशयोक्ति नहीं होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद एक भी शासकीय इन्जीनियरिंग तकनीकी महाविद्यालय की स्थापना कोरबा जिले में नहीं की गयी है। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान सन 1983 में एक ही शासकीय महाविद्यालय की स्थापना हुई है। वर्तमान में मात्र 03 शासकीय इन्जीनियरिंग महाविद्यालय हैं।

   प्रवेश के दौरान छात्र/छात्रायें   शासकीय महाविद्यालयों को पहले प्राथमिकता देते हैं। बाद में निजी महाविद्यालय।कोरबा जिला, आदिवासी बहुल अंचल क्षेत्र है। यदि यहाँ शासकीय इंजीनियरिंग तकनीकी महाविद्यालय उपलब्ध हो जाये, तो शत् प्रतिशत प्रवेश प्रक्रिया में वृद्धि होगी।
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