रायपुर,06 जनवरी । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने शनिवार को बिलासपुर में छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (सिम्स) का निरीक्षण कर अधिकारियों को व्यवस्था में सुधार के लिए निर्देश दिए। जायसवाल ने कहा कि शासन की मंशा है कि सिम्स में भी भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसी सुविधाएं विकसित की जाएं, इसके लिए तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को बेहतर बनाते हुए चिकित्सा और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को अलग-अलग करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के बाद जायसवाल ने अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि सिम्स की व्यवस्था में और सुधार के लिए मरीजों के इलाज (क्लिीनिकल) एवं प्रशासनिक व्यवस्था दोनों को अलग-अलग किया जायेगा। अस्पताल प्रशासन के लिए एमबीए उत्तीर्ण प्रशासक और एक जनसम्पर्क अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे। जायसवाल ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री का प्रभार लेने के बाद पहली बार बिलासपुर पहुंचकर सिम्स में अधिकारियों की बैठक लेकर इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोनी में सिम्स के नये भवन के लिए लगभग 40 एकड़ भूमि आरक्षित रखी गई है। शहर के बीचों-बीच स्थित सिम्स को कोनी में स्थानांतरित करने के लिए चरणबद्ध रूप से तैयारी शुरू करने को कहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक के पूर्व सिम्स अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण भी किया। इलाज कराने पहुंचे मरीजों से मुलाकात कर व्यवस्था की जानकारी ली। बैठक एवं निरीक्षण के दौरानं बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक धरमललाल कौशिक, तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) श्रीमती रेणु जी पिल्लई, सिम्स के ओएसडी आर.प्रसन्ना विशेष रूप से उपस्थित थे। स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने पिछले दो-तीन महीने में अस्पताल की व्यवस्था में आये उल्लेखनीय सुधार के लिए सिम्स अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की सराहना की।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जायसवाल ने सिम्स मेडिकल कॉलेज के सभाकक्ष में लगभग घण्टे भर तक बैठक लेकर मरीजों के हित में कई निर्देश दिए। बैठक में सिम्स स्वास्थ्य प्रबंधन, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय से आये वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने कोनी में निर्माणाधीन मल्टी स्पेश्यालिटी अस्पताल के बचे काम को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में इसका लोकार्पण किया जायेगा। कैंसर अस्पताल के काम में भी गति लाकर समयसीमा में पूर्ण करने को कहा है। जायसवाल ने कहा कि सिम्स अस्पताल बिलासपुर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल हैं। रायपुर एम्स जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं यहां विकसित की जायेंगी।
अस्पताल में जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर की जायेगी। पिछले दो तीन महीने में हुए सुधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने संतोष प्रकट किया। डीन डॉ. के.के. सहारे एवं अधीक्षक डॉ. नायक ने सिम्स में वर्तमान में उपलब्ध सुविधाएं, व्यवस्था एवं पिछले दो-तीन महीनों में आये सुधार का तुलनात्मक प्रस्तुतिकरण दिया। मंत्री ने सिम्स अस्पताल के तमाम टॉयलेट को अगले तीन महीने में सुधार करने को कहा है। उन्होंने एक महीने के भीतर मरीजों के लिए वाटर प्यूरीफायर की व्यवस्था के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर का वातावरण एवं प्रबंधन का बर्ताव इतना सद्भावना पूर्ण हो कि आते ही आधी बीमारी ऐसे ही दूर हो जाए। सिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए विधायक अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक एवं सुशांत शुक्ला ने भी अहम सुझाव दिए।
सिम्स अस्पताल का किया निरीक्षण
स्वास्थ्य मंत्री ने पहले सिम्स अस्पताल का निरीक्षण किया। लगभग आधे घण्टे तक वे अस्पताल के विभिन्न वार्ड में गए। इलाज कराने आये मरीजों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की। बीमारी की जानकारी लेकर त्वरित इलाज करने के निर्देश चिकित्सकों को दिए। जायसवाल ने प्रमुख रूप से केजुअल्टी वार्ड, पंजीयन कक्ष, दवाई वितरण, ब्लड कलेक्शन सेन्टर, एक्सरे एवं सिटी स्कैन आदि वार्डों का निरीक्षण किया। मरीजों के पंजीयन में सुविधा के लिए जल्द टोकन सिस्टम व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है। कलेक्टर अवनीश शरण, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णुदत्त, सीजीएमएससी की प्रबंध संचालक पद्मिनी भोई, डीन डॉ. के.के.सहारे, अधीक्षक डॉ. एसके नायक, उप अधीक्षक डॉ. विवेक शर्मा सहित सिम्स के वरिष्ठ डॉक्टर एवं अधिकारी उपस्थित थे।
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