कोरबा : डॉ. हिमांशु खुटिया ने कटघोरा CHC मे बड़ी शल्य चिकित्सा कर मरीज के दोनों कूल्हे का किया सफल प्रतिस्थापन

कोरबा (ईएमएस) कोरबा जिलान्तर्गत कटघोरा सीएचसी में डॉ. हिमांशु खुटिया अपनी सेवाएं दे रहे हैं वे आसपास के क्षेत्रों में भी कॉफी लोकप्रिय हो चुके हैं, उन्होंने कटघोरा सीएचसी मे एक और बड़ी शल्य चिकित्सा कर दिखाई है जिसमे मरीज के दोनों कुल्हो का सफल प्रतिस्थापन (रिप्लेसमेंट) किया गया है। ऐसा माना जा रहा है शायद यह शल्य चिकित्सा पुरे प्रदेश मे पहली शल्य चिकित्सा होंगी जो सीएचसी कटघोरा मे संभव हुई है जबकि ऐसी शल्य चिकित्सा बड़े मल्टीस्पेसलिटी अस्पतालों मे ही संभव हो पाती है और लाखो रूपये खर्च होते है। लेकिन डॉ. हिमांशु की कड़ी मेहनत ने असंभव चीजों को संभव कर दिखाया है। पुरानी कहावत है दुनिया मे कोई भी कार्य असम्भव नहीं होता बस उसे करने की दृढ़ इच्क्षाशक्ति होनी चाहिए, वह कार्य संभव हो ही जाता है और डॉ. हिमांशु खुटिया असम्भव चीजों को संभव करने के लिए आसपास के क्षेत्रों में जाने जाते हैं।


कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे इन दिनों बड़ी-बड़ी शल्य चिकित्सा संभव हो रही है और ये सब यहां पदस्थ आर्थो सर्जन ड़ॉ. हिमांशु खुटिया की बदौलत ही संभव हो रहा हैं, हाल ही मे ड़ॉ. हिमांशु ने एक मरीज के दोनों कुल्हो का सफल शल्य चिकित्सा की हैं, मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। ब्लाक पोड़ी-उपरोड़ा के ग्राम नंगोई बछेरा के ग्रामीण पिछले 10 सालो से कूल्हे की समस्या से ग्रसित थे, इस समस्या के कारण उनको असहाय पीड़ा झेलनी पड़ती थी वह ठीक से चल भी नहीं पाता था, जिस कारण ये कोई भी काम नहीं कर पाता था, यहां तक की इसकी समस्या के चलते करीब 30 साल के ग्रामीण की शादी भी नहीं हो पाई, जिस कारण इनका परिवार बेहद चिंचित रहता था, इस दौरान उसके परिजनों को कटघोरा सीएचसी मे पदस्थ डॉ. हिमांशु की जानकारी हुई तो इन्होने बिना देर किये डॉ. हिमांशु से संपर्क किया जहाँ डॉ. हिमांशु ने उसकी समस्या देखी और प्राथमिकी जांच कर इनके परिजनों को बताया की उसका आपरेशन करना पड़ेगा यह ठीक हो जाएगा, तो ग्रामीण के परिजनों ने बिना देर किये इसे सीएचसी मे भर्ती कर दिया और डॉ. हिमांशु ने उसके दोनों कुल्हो का सफल शल्य चिकित्सा कर इसे पूर्ण रूप से ठीक कर दिया अब वह अपने पैरो पर खड़ा हो जाता है और बिना दर्द के नार्मल चलता है।


सीएचसी जैसे स्थानों मे इस तरह की बड़ी-बड़ी शल्य चिकित्सा होना कोई आम बात नहीं बल्कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है जिसे डॉ. हिमांशु ने चरितार्थ कर दिखाया है अभी तक पुरे छत्तीसगढ़ के किसी भी सीएचसी मे इतनी बड़ी शल्य चिकित्सा होने की बात सामने नहीं आयी हैं, कटघोरा सीएचसी अपने आप मे पहला सीएचसी है, जहाँ बड़ी-बड़ी शल्य चिकित्सा संभव हो रही है। कटघोरा सीएचसी मे पदस्थ आर्थो सर्जन ड़ॉ. हिमांशु खुटिया व अन्य डाक्टरो की टीम सहित बीएमओ ड़ॉ. रुद्रपाल सिंह कँवर के विशेष सहयोग से ही ये सब संभव हो पा रहा है।

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