कोरबा,02 जनवरी (वेदांत समाचार)। हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में बस और ट्रक हुइवर सोमवार से तीन दिवसीय हड़?ताल पर चले गए। इससे सड़क पर बसें नहीं चली और यात्री परेशान हो गए। दूसरी ओर ट्रक चालकों की हड़ताल से सामान का परिवहन नहीं हो सका। इससे व्यापारियों का व्यापार भी प्रभावित हुआ। वहीं खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हो सका। हिट एंड रन कानून के विरोध में वाहन चालक सोमवार सुबह से हड़ताल पर चले गए हैं। जिले में भी इसका असर देखने को मिला। धान खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं हुआ। वहीं बस चालक भी काम पर नहीं गए। इसके कारण बलौदा, बिलासपुर, शिवरीनारायण, कोरबा, जशपुर जाने के लिए यात्रियों को बसें नहीं मिली। ट्रकों के पहिए थमे रहने से आवश्यक सामानों का परिवहन भी नहीं हो सका। इसके कारण व्यापारियों को परेशानी हुई।
ट्रक मालिक संघ के शशिकपूर उपाध्याय,संदीप शर्मा ने बताया कि हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में ट्रक चालकों ने हड़ताल किया है। जिले में भी ट्रकों की आवाजाही बंद रही। वहीं छग यातायात महासंघ के जिला इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चालकों के हड़ताल पर चले जाने से बसें नहीं चली और लोगों को आवागमन में परेशानी हुई। चालकों की हड़ताल तीन दिन के लिए है। उनका कहना है कि हमारी मांग जब तक पूरी नहीं की जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी। बहरहाल हड़ताल से यात्री परेशान हुए। कई निजी स्कूलों में एक जनवरी को भी छुट्टी रही। 2 जनवरी से स्कूल खुलेंगे तो चालकों की स्थिति स्पष्ट होगी कि वे हड़ताल पर जाएंगे या नहीं। जिला मुख्यालय जांजगीर के थोक सब्जी मही माह के पहले तारीख की वजह से बंद रही। इसके चलते यहां सब्जियों की आवक नहीं हुई।
वहीं शिवरीनारायण के थोक सब्जी कारोबारी गुड्डू केशरवानी का कहना हैकि रोजाना की आवक से लगभग 60 फीसदी गाडिय़ां कम पहुंची। रास्ते में चालकों के द्वारा सब्जी वाहनों को रोका जा रहा है। ऐसे में 2 जनवरी को धमधा और जबलपुर से आने वाली सब्जी की गाडिय़ा नहीं आ पाएंगी। उनका कहना है कि अगले एक दो दिनों में ट्रक हड़ताल का असर सामने आ सकता है। सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन के तहत सड़क हादसे के बाद मौके से भागने वाले चालक को 10 साल की सजा और 7 लाख रुपये के जुर्माना से दंडित किया जाएगा।
ड्राइवरों की माग है कि सरकार इस कानून को वापस एक्सीडेंट की घटना ड्राइवर कभी भी जानबूझकर नहीं करते हैं। वाहन के चालक विरूद्ध एक्सीडेन्ट करने पर कानून में किये जा रहे संशोधन को निरस्त किया जाए। दुर्घटना के बाद चालक मौके से नहीं भागे तो जमा हुई भीड़ मारपीट करने के साथ कई बार जान तक ले लेती है। वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा जो जुर्माना और सजा का प्राविधान किया गया है उसमे गरीब ड्राइवर कहां से राशि जमा भरेंगे और दस साल की सजा होने पर परिवार का भरण पोषण कैसे होगा। वाहन चालकों ने सामूहिक रूप से नए कानून में संशोधन करने की मांग की है।
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