गेवरा खदान को एशिया का सबसे बड़ा कोयला खदान बनाने का टारगेट कर रही है SECL

बिलासपुर,1जनवरी। गेवरा खदान में 50 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन हासिल कर देश की सबसे बड़ी खदान बनना वर्ष 2023 में एसईसीएल की बड़ी उपलब्धियों में एक से थी। इस वर्ष कंपनी का उद्देश्य गेवरा को एशिया की सबसे बड़ी कोयला खदान बनाने का है। अब कंपनी खदान विस्तार योजना के तहत गेवरा की वार्षिक उत्पादन क्षमता को 70 मिलियन टन करने के लिए पर्यावरण स्वीकृति हासिल करने के लिए प्रयास कर रही है।

बीते वर्ष एसईसीएल द्वारा कोरबा जिले में अवस्थित मानिकपुर पोखरी को ईको-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया था। वर्ष 2024 में इस परियोजना का क्रियान्वयन शुरू हो जाएगा और पूरा हो जाने पर यह छत्तीसगढ़ राज्य में इस प्रकार का दूसरा ईको-टूरिस्ज़्म साइट होगा। इससे पहले एसईसीएल द्वारा सूरजपुर जिले में स्थित केनापरा में भी बंद पड़ी खदान को ईको-पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा चुका है, जहां दूर-दूर से सैलानी घूमने और बोटिंगएवं अन्य गतिविधियों का लुत्फ लेने आते हैं। इस पर्यटन स्थल की प्रशंसा स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट के जरिये की थी।

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