रायपुर: पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर के द्वारा उप मुख्यमंत्री के पद पर सवाल उठायें जानें और इसे असंवैधानिक बताने के बाद भाजपा के सह प्रभारी नितिन नवीन ने पलटवार किया है। उन्होंने मोहम्मद अकबर को नसीहत देते हुए कहा है कि संविधान ने उनका जो हिसाब किया, पहले उसका ध्यान रखें। जनता ही संविधान बनाती हैं।
पहले कवर्धा से लेकर रायपुर तक आतताई मचाए हुए थे। अब सबकी जांच होगी, अब उसकी चिंता करें। जाँच एजेंसियों को प्रदेश में प्रतिबंधित किये जाने के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए नवीन ने कहा कि पहले सीबीआई को आने नहीं देते थे। अब सीबीआई भी आएगी और जांच भी होगी।
क्या कहा था
पूर्व वनमंत्री मो. अकबर ने अरुण साव और विजय शर्मा के डिप्टी सीएम बनाये जाने पर सवाल उठायें थे। उन्होंने कहा था कि संवैधानिक प्रावधान यह है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल करेगा। परंतु किसी राज्य के मंत्री परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है, इसलिए उप मुख्यमंत्री के पद व गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं है। ऐसी शपथ विधि की दृष्टि में शून्य है। मोहम्मद अकबर ने कहा कि संविधान की तृतीय अनुसूची में पद व गोपनीयता की शपथ का स्पष्ट प्रारूप है। उन्होंने इसे लेकर प्रतियां भी दिखाई हैं। चूंकि अरुण साव तथा विजय शर्मा ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है, इसलिए उप मुख्यमंत्री के रूप में इनके द्वारा किये गए कार्य औचित्यहीन है। अकबर के इस बयान के बाद प्रदेश भाजपा ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
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