राजस्थान में एक जगह ऐसी भी है, जहां लोग भगवान नहीं ‘रॉयल एनफील्ड’ बुलेट की पूजा करते हैं। ये मंदिर जोधपुर और अहमदाबाद को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-62 पर मौजूद है। इसे ‘ओम बन्ना मंदिर’ या ‘बुलेट बाबा मंदिर’ के रूप में जाना जाता है। ये मंदिर राजस्थान के पाली शहर से 20 किलोमीटर पहले ‘चोटिला’ नामक गांव में है। मान्यता है कि यहां से गुजरते हुए लोग एक बार रुककर मंदिर जाते हैं और उसके बाद ही आगे बढ़ते हैं। कहा जाता है कि यहां आशीर्वाद लेने से लोग सुरक्षित अपने घर पहुंचते हैं।
मंदिर की खासियत
मंदिर में किसी भगवान की मूर्ति नही है। भवन के बीच में ‘रॉयल एनफील्ड’ की 350 सीसी की एक ‘बुलेट’ खड़ी है। इसका नंबर RNJ 7773 है। ये कोई आम बुलेट नहीं बल्कि इसके पीछे पूरी एक कहानी है। लोग आम मंदिरों की तरह यहां गाड़ी पर फूल माला और प्रसाद चढ़ाते हैं। यहां एक दानपात्र भी है, जिसमें लोग पैसे दान करते हैं। यहां लोग मन्नत के लिए धागे भी बांधते हैं।
मंदिर स्थापना की कहानी
यह बुलेट ओम सिंह राठौड़ की थी, जिनकी साल 1988 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। कहा जाता है कि मृतक का अचानक बाइक से नियंत्रण हट गया और बाइक एक पेड़ से जा टकराई। इस हादसे में ओम की मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस बाइक को पुलिस स्टेशन आई। लेकिन अगले दिन बाइक पुलिस स्टेशन से गायब थी। बाद में पता चला कि बाइक घटनास्थल पर ही मौजूद है। पुलिस एक बार फिर बाइक को थाने ले आई। लेकिन अगले दिन फिर बाइक हाईवे पर खड़ी मिली। ऐसा कई दिनों तक हुआ। इसके बाद तय किया गया कि बाइक को उसी जगह रखा जाएगा, जहां ओम सिंह के साथ हादसा हुआ था। इसके बाद स्थानीय लोगों ने मिलकर ओम बन्ना मंदिर की स्थापना की। कहा जाता है कि ओम सिंह राठौड़ की आत्मा आज भी नेशनल हाईवे-62 पर बुलेट चलाती है और परेशान या भटके यात्रियों की मदद करती है। लोगों का ये भी मानना है कि मंदिर की स्थापना के बाद से इस हाईवे पर होने वाले एक्सीडेंट के मामलों में कमी आई है।
तस्वीरें हुईं वायरल
इस मंदिर की कहानी आदित्य कोंडवार नामक एक शख्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ’एक्स’ पर शेयर की है। इसके बाद लोग इस स्टोरी को जमकर शेयर कर रहे हैं। इस मंदिर की तस्वीरें भी वायरल हो चुकी हैं। एक यूजर ने कमेंट में लिखा, ‘ये मंदिर किसी अंधविश्वास से कहीं ज्यादा सड़क सुरक्षा के लिए है।’ एक शख्स ने लिखा, ‘मैंने नई गाड़ी खरीदने पर यहां दो हेलमेट दान किए हैं।’ एक अन्य यूजर ने बताया कि पूरे राजस्थान में ओम सिंह राठौड़ के नाम के कई और मंदिर भी हैं।
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