संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन (18 दिसंबर) को दोनों सदनों से आज 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं। इसके बाद राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए (22 दिसंबर तक) निलंबित कर दिया।
इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। इनमें कांग्रेस के 9, CPI (M) के 2, DMK और CPI के एक-एक सांसद थे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को भी 14 दिसंबर को सस्पेंड किया गया था। शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी। कहा कि घटना पर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हंगामा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई। बाद में यह 2 बजे और फिर कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। सांसदों के निलंबन के बाद लोकसभा कल (मंगलवार) तक के लिए स्थगित हो गई।
लोकसभा से इन सांसदों को निलंबित किया गया
खड़गे बोले- मोदी सरकार संसद पर हमला कर रही
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों को निलंबन को लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा- पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार में 47 सांसदों को निलंबित करके लोकतांत्रिक मानकों को डस्टबिन में फेंका जा रहा है। हमारी मांग है कि गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे पर दोनों सदनों में बयान दें और इस पर चर्चा हो।
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