रायपुर। छत्तीसगढ़ में बिजली बिल हाफ योजना बंद की जा सकती है। इस पर अधिकृत आदेश जारी नहीं हुआ है, लेकिन उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने बयान में साफ कर दिया है कि बिजली बिल हाफ योजना का उद्देश्य लोगों को लाभ पहुंचाने से ज्यादा दूसरे जरिए से धन कमाना था।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में जिन योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक से हुआ है, उन्हें जारी रखा जाएगा लेकिन उन योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा जिन्हें सिर्फ भ्रष्टाचार के लिए चलाया जा रहा था। उप मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद अब प्रदेशभर में बिजली बिल को लेकर चर्चा होने लगी है। दिसंबर महीने तक जारी बिल में लोगों को बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिला था।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दो दिन पहले कवर्धा में विजय रैली के दौरान मीडिया से चर्चा में कहा था कि राज्य के सभी घरेलू कनेक्शन को दी जा रही बिजली बिल हाफ योजना को नव नियुक्त सरकार बंद करने जा रही है।
400 यूनिट की खपत पर आधा हो जाता था बिजली बिल
प्रदेश में एक मार्च 2019 से बिजली बिल हाफ योजना लागू की गई थी। इस योजना के माध्यम से घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 400 यूनिट तक की बिजली की खपत पर प्रभावशाली विद्युत की दर के आधार पर आधे बिल की राशि की छूट दी जा रही थी। इससे पहले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट पर 4.50 रुपये देने पड़ते थे।
41.42 लाख उपभोक्ताओं को मिली राहत
विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं को 1,336 करोड़ रुपये की छूट दी जा चुकी है, जिसमें 41.42 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली है, वहीं 16.82 लाख बीपीएल बिजली उपभोक्ताओं को लाभ दिया जा चुका है।
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