SECL ने भूविस्थापितों को एक ही मांग पर बार-बार उत्पादन बाधित नहीं करने की दे डाली नसीहत, जानिए कारण ?

एसईसीएल गेवरा माइंस का विस्तार किया जाना,जिसमे रोजगार के अवसर मिले गए लोगो को

कोरबा,18 दिसंबर। कोरबा एसईसीएल गेवरा एरिया प्रबंधन ने एक ही मांग पर बार-बार उत्पादन बाधित नहीं करने की नसीहत दे डाली है। प्रबंधन का कहना है कि वे एसईसीएल में रोजगार पाने से छूटे भूविस्थापितों को आउटसोर्सिंग कंपनियों में काम पर रखने नियमों के दायरे में निराकरण की पहल कर रहे हैं। प्रबंधन ने दो टूक यह भी कहा कि इस तरह कोल प्रोडक्शन में बाधा उत्पन्न करने पर कंपनी किसी तरह का सहयोग नहीं करेगी। जिस भूविस्थापित संगठन को एरिया प्रबंधन ने पत्र जारी किया है, उसने इसे स्पष्ट करने कहा है।

मेगा प्रोजेक्ट खदानों से बेहतर उत्पादन के लिए एरिया प्रबंधन के समक्ष भूविस्थापितों के आंदोलनों से निपटने की चुनौती बनी हुई है, क्योंकि खदान का कोयला खनन व परिवहन कार्य बाधित करने की चेतावनी दी है। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने 19 दिसंबर को गेवरा माइंस का उत्पादन व परिवहन ठप करने ज्ञापन सौंपा था। इसका कारण आउटसोर्सिंग कंपनियों में खदान प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवाओं को काम पर नहीं रखने के विरोध में बताया है। इस पर प्रबंधन ने पत्र जारी कर समिति को बताया है कि जिनकी जमीन अर्जन के बाद एसईसीएल में रोजगार पाने से वंचित हो जाते हैं, उन खातेदारों के आश्रित परिवार को वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने कार्य कुशलता के आधार पर आउटसोर्सिंग कंपनियों में नियोजित किया जाता है। अब तक लगभग 1300 लोगों को ठेका कंपनियों में रोजगार उपलब्ध करा दिया है। एसईसीएल की खुली खदान, जहां दिन-रात उत्पादन जारी है। इधर संगठन ने मांगा जवाब गेवरा एरिया प्रबंधन के जारी पत्र के बाद ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने भी पत्र लिखकर यह जवाब मांगा है कि तय तारीख को गेवरा खदान में आंदोलन किए जाने पर वे किस तरह का सहयोग नहीं करेंगे, यह स्पष्ट करें।

यह व्यक्तिगत है या सांगठनिक, इसे भी स्पष्ट करें। पूर्व में दिए सूचना अनुसार गेवरा खदान का उत्पादन व परिवहन बाधित करने मजबूर होना बताया है। इसका कारण खदान से प्रत्यक्ष प्रभावितों को माइंस के नियोजित कंपनियों में रोजगार नहीं मिलने का पत्र में उल्लेख है। वित्तीय साल की समाप्ति में चार माह ही बचा वित्तीय साल की समाप्ति में अब चार महीने से कम का समय बचा हुआ है। एसईसीएल को 197 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है। 16 दिसंबर की अवधि तक एसईसीएल ने 114 मिलियन टन कोयला उत्पादन कर चुकी है। चूंकि अब चार महीने से कम का समय बचा हुआ है और इस अवधि में 80 मिलियन टन से अधिक उत्पादन से ही कंपनी प्रबंधन लक्ष्य हासिल कर पाएगी।

मगर मेगा प्रोजेक्ट खदानों में आंदोलनों ने प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है। उन्हें आंदोलन से उत्पादन प्रभावित होने की चिंता सता रही है। खदान विस्तार से रोजगार के अवसर मिलेंगे उत्पादन क्षमता बढ़ाने एसईसीएल गेवरा माइंस का विस्तार किया जाना है। एरिया प्रबंधन के भू-राजस्व शाखा से जारी पत्र में बताया है कि माइंस की विस्तार नीति से रोजगार के अवसर मिलेंगे, क्योंकि आउटसोर्सिंग कंपनियों के काम का दायरा भी बढ़ेगा। चूंकि इस मांग को लेकर भूविस्थापित संगठन पहले भी आंदोलन कर चुकी है। ऐसे में प्रबंधन ने भूविस्थापित संगठन को बार-बार इसी मांग को लेकर आंदोलन नहीं करने चेताया है। विस्तार से भविष्य में अधिकाधिक रोजगार के अवसर मिलना बताया है।

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