पन्ना टाइगर रिजर्व में पिछले वर्ष भारत में सौ से ज्‍यादा बाघों की मौत, 10 वर्ष के दौरान 270 बाघों की हुई मौत

पन्ना टाइगर रिजर्व में टहल रही बाघिन p-243 के गले में फंदा देखकर पर्यटकों ने उसका वीडियो बना लिया। पन्ना टाइगर रिजर्व की यह एक बड़ी लापरवाही है। बता दें कि सुरक्षा व्‍यवस्‍था इतनी कि पक्षी पंख न मार सके फिर भी इतनी बड़ी चूक सवाल उठा रही है। शिकारियों ने शिकार की नीयत से अंजाम दिया है।

पिछले वर्ष 34 बाघों की गई थी जान

टाइगर स्टेट में पिछले वर्ष 34 बाघों की जान गई थी। इस बात से विभाग खासा परेशान है। मध्य प्रदेश में कई बाघ अभयारण्य हैं जैसे- कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा और पन्ना। एनटीसीए की रिपोर्ट के पिछले वर्ष भारत में सौ से ज्‍यादा बाघों की मौत हुई थी।

क्‍या कहते हैं 10 वर्ष के आंकड़े,

बाघों की गणना हर चार साल में होती है। 2018 में यह 526 बाघ थे, 2021 में 42 बाघों की मौत हो गई थी। 10 वर्ष के आंकड़ों को देखें तो यहां 270 बाघों की मौत हुई थी। है. इनमें सबसे अधिक मौत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई है।बाघों की औसत उम्र 12 से 18 साल होती है।

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