कोरबा,18 दिसम्बर I जिले के दर्री क्षेत्र में डांडपारा निवासी लाल बहादुर सोनी के परिवार को गौटिया ने 30 साल से बहिष्कृत कर रखा है. दशकों से बहिष्कृत का दंश झेल रहा बहादुर लाल बहादुर ऐसे काले नियम से मुक्ति पाने की आस लगाए बैठे हैं जो अपनो से अपनो को दूर कर रहे हैं. गांव समाज से बहिष्कृत करने का ये गंभीर मामला नगर निगम के सीमा में आने वाले दर्री थाना क्षेत्र के वार्ड 45 डांडपारा बस्ती का है। जहां रहने वाले कुछ दबंग गौटियागिरी करते हैं और अपना अलग नियम कानून बनाकर लोगों को प्रताड़ित करते हैं.
लाल बहादुर बताते हैं कि डांडपारा में गौटियाओं के गलत नियम की वजह से उनका परिवार पिछले तीन दशक से बहिष्कृत का दंश झेल रहा है, गांव में न कोई उनसे बातचीत और न ही किसी प्रकार का कोई लेना देना करता है. उन्होंने बताया कि गांव के दबंद लोग रात को घर घुसकर उन्हें उठाकर धमकाया गया और बोला गया कि तुम परदेशी हो यहां से भाग जाओ, इसकी शिकायत भी उन्होंने दर्री थाने में की थी.
बस्ती में रहने वाले सभी लोगों को उक्त परिवार से बातचीत व किसी प्रकार का सहयोग नहीं रखने का फरमान सुनाने के बाद अब पीड़ित परिवार अपनों के बीच बेगाने होकर जिंदगी गुजार रहे हैं. गौटियाओं के कानून से मुक्ति दिलाने वाले न्याय की आस में बहिष्कार किए जाने से परेशान लाल बहादुर की आंखें अब पथरा गई है.
बीते दिनों फिर दो परिवार को बहिष्कृत किया गौटियाओं ने.
नगर निगम के वार्ड 45 डांडपारा में ज़रा सी बात पर गौटियाओं द्वारा लोगों से जुर्माना लेना उन्हें बहिष्कृत कर हुक्का पानी बंद कर देना आज की नही दशकों से चली आ रही तानाशाही परम्परा है जिसे आज भी कायम रखा है. अभी एक महीने पूर्व से वार्ड के दो ग्रामीण शिव मंझवार, और छत्रपाल धनवार के परिवार को सिर्फ इसलिए बहिष्कृत कर दिया कि उन्होंने बस्ती के किराना दुकान के बजाए पास खुले एक दिव्यांग पत्रकार के किराना दुकान से खरीदारी करते हैं और उनसे भाईचारे का संबंध रखते हैं.
की। बस्ती में रहने वाले सभी लोगों को उक्त दोनों परिवार से बातचीत व किसी प्रकार का सहयोग नहीं रखने का फरमान सुनाने के बाद अब पीड़ित परिवार अपनों के बीच बेगाने जैसे हो गए। बहिष्कार किए जाने से परेशान होकर दोनों ग्रामीण के परिवार ने प्रशासन पुलिस से लिखित शिकायत कर न्याय दिलाने व प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
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