Covid Sub-variant JN 1: केरल में कोरोना वायरस का नया रूप सामने आया है. इस नए सब वेरिएंट को जेएन.1 का नाम दिया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 79 वर्षीय महिला के नमूने की 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर जांच की गई थी. उसे जेएन.1 से संक्रमित पाया गया. महिला में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) के लक्षण मिले थे. वह कोरोना से अब उबर चुकी है. देश में कोविड-19 से जुड़े मामलों में 90 प्रतिशत गंभीर नहीं हैं. संक्रमित लोग अपने घरों में ही क्वारंटीन होकर ठीक हो रहे हैं. इससे पहले सिंगापुर में ऐसा मामला सामने आया. यहां पर एक भारतीय यात्री में जेएन.1 संक्रमण के लक्षण पाए गए. यह शख्स तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का रहने वाला है. 25 अक्टूबर को उसने सिंगापुर ट्रेवल किया था.
जेएन.1 से संक्रमण के मामले तिरुचिरापल्ली जिले या तमिलनाडु में भी सामने आए. मगर इसमें किसी तरह की वृद्धि दर्ज नहीं हुई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जेएन.1 वेरिएंट का कोई अन्य मामला अभी तक सामने नहीं आया है. कोविड-19 के इस सब वेरिएंट जेएन.1 से जुड़ा मामला पहली बार लक्जमबर्ग में मिला. यहां से कई देशों में फैला. ये सब वेरिएंट बीए.2.86 से जुड़ा हुआ है.
जानें एक्सपर्ट्स की क्या है राय
भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के चीफ डॉक्टर एनके अरोड़ा का कहना है कि नवंबर में पहली बाद इसके बारे में पता चला था. बाद में इस वेरिएंट को अलग कर दिया गया. यह BA.2.86 का सब वेरिएंट है. उनके पास JN.1 के कई मामले हैं. उन्होंने कहा, भारत इन मामलों की निगरानी रख रहा है. अब तक किसी अस्पताल में गंभीर बीमार होने की सूचना नहीं मिली है. नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन का कहना है कि सात माह के अंतराल के बाद भारत में मामले तेजी से बढ़े हैं. केरल कोविड के मामले तो मिल रहे हैं, मगर इसकी गंभीरता कम दिखाई दे रही है.
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