बुधवार, दोपहर 1.02 बजे लोकसभा में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक युवक दर्शक दीर्घा से कूदकर सांसदों के बीच पहुंच गया और बेंच पर इधर-उधर भागने लगा. वहीं दूसरा युवक दर्शक दीर्घा में ही रहा. दोनों ने सदन के अंदर कलर स्प्रे किया और नारेबाजी की. इसके बाद वहां मौजूद सांसदों ने युवकों को पकड़ा और उनकी पिटाई की. दोनों युवकों को बाद में सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया गया. इस दौरान संसद के बाहर भी हंगामा हुआ. एक महिला और एक युवक ने संसद के बाहर कलर स्प्रे किया और नारेबाजी की.
पुलिस सूत्रों से मिली शुरुआती जानकारी के मुताबिक, संसद में हुए घटनाक्रम के आरोपी कई राज्यों के हैं, और सोशल मीडिया से एक दूसरे से जुड़े हैं.
अंदर जो पकड़े गए थे:
मनोरंजन डी (मैसूर) और
सागर शर्मा (लखनऊ)
संसद के बाहर जो पकड़े गए थे:
नीलम (हिसार, हरियाणा)
अमोल शिंदे (महाराष्ट्र)
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में कुल 7 लोग शामिल हैं. पुलिस ने अभी तक संसद में हंगामा करने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि पांचवे और छठे आरोपी को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है जो पति-पत्नी (विक्की शर्मा और उसकी पत्नी) हैं. इसके अलावा एक सांतवा आरोपी भी है जो मूल रूप से बिहार का रहने वाला है.
कौन हैं संसद में घुसने वाले आरोपी?
संसद में घुसने वाले आरोपियों की पहचान 27 वर्षीय सागर शर्मा और 35 वर्षीय डी. मनोरंजन के रूप में हुई है. जो लोकसभा की दर्शक दीर्घा से कूदकर सांसदों के बीच पहुंचे थे. सागर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का रहने वाला है. सागर की इकलौती बहन ने बताया कि सागर पिछले 3 महीने से ई-रिक्शा चलाता है. इससे पहले वो बंगलौर में काम करता था.
सागर के पिता कारपेंटर का काम करते हैं. सागर अपने घर पर बोल कर निकला था कि वह 2 दिन आ जाएगा. वहीं मनोरंजन कर्नाटक के मैसूर का बताया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक, उसने शहर के एक कॉलेज से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली है.
मनोरंजन के पिता देवराज ने कहा, “अगर मेरे बेटे ने कुछ अच्छा किया है तो बेशक मैं उसका समर्थन करता हूं लेकिन अगर उसने कुछ गलत किया है तो मैं उसकी कड़ी निंदा करता हूं. अगर उसने समाज के लिए कुछ गलत किया है तो उसे फांसी दी जाए.”
संसद के बाहर हंगामा करने वाले आरोपी कौन हैं?
पुलिस ने संसद के बाहर नारेबाजी और कलर गैस छोड़ने के आरोप में नीलम और 25 वर्षीय अमोल को गिरफ्तार किया है, जो महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है. वहीं नीलम हरियाणा के जींद जिले की रहने वाली है. वो हिसार के रेड स्क्वॉयर मार्केट के पीछे स्थित पीजी में रहकर हरियाणा सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही थी. जानकारी के मुताबिक, नीलम 25 नवंबर को पीजी से घर जाने की बात कहकर निकली थी. पीजी में रहने वाली छात्रा ने बताया कि राजनीति में उसका खास इंट्रेस्ट था.
”हमें इस बारे में जानकारी नहीं थी कि वह दिल्ली गई है. हमें जानकारी थी कि वह अपनी पढ़ाई के लिए हिसार में है. वह सोमवार हमसे मिलने आई थी और कल लौटी है. उसने BA, MA, B.Ed, M.Ed, CTET, M.Phil और NET पास किया है. उन्होंने कई बार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया था और किसानों के विरोध प्रदर्शन में भी भाग लिया था.”
नीलम के छोटे भाई ने कहा नीलम की मां का कहना है, “वह बेरोजगारी को लेकर चिंतित थी. मैंने उससे बात की थी लेकिन उसने मुझे दिल्ली के बारे में कभी कुछ नहीं बताया. वह मुझसे कहती थी वह इतनी उच्च योग्य है, लेकिन उसके पास कोई नौकरी नहीं है, इसलिए मर जाना बेहतर है.”
अमोल कई पुलिस भर्ती परीक्षाओं में शामिल हुआ था, लेकिन कई बार असफल रहा है. यह जानकारी महाराष्ट्र के विधायक और परभणी के संरक्षक मंत्री संजय बनसोडे ने दी है. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा है
“मैंने लातूर के SP से बात की है. संसद में प्रवेश करने वाला व्यक्ति लातूर में रहता है. उसके बारे में प्रारंभिक जानकारी यह है कि वह विभिन्न पुलिस भर्ती परीक्षाओं में शामिल हुआ था, लेकिन कई बार असफल रहा. उसका परिवार इस घटना से अनभिज्ञ है. मैंने SP को उसके और उसके परिवार के बारे में विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है… यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और हम पूरी जांच करेंगे.”
पांचवा और छठा आरोपी
पुलिस टीम गुरुग्राम के उस घर में पहुंची जहां सभी आरोपी कथित तौर पर घटना से पहले कुछ समय के लिए रुके थे. यह घर कथित तौर पर विक्की शर्मा और उनकी पत्नी का है, जिसे दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इस कॉलोनी के प्रेसिडेंट विजय परमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि
“शाम करीब 5:30 बजे एक पुलिस टीम और क्राइम ब्रांच की टीम मेरे पास आई और उन्होंने मुझे सब कुछ बताया… यह घर आरोपी विक्की शर्मा का है. उसके पास कोई स्थिर नौकरी नहीं थी, वह ड्राइवर के रूप में और कभी-कभी चौकीदार के रूप में काम करता था… पुलिस विक्की और उसकी पत्नी को अपने साथ ले गई है…”
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दिल्ली पुलिस की आतंकवाद विरोधी सेल जांच का नेतृत्व कर रही है. पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा समेत शीर्ष अधिकारी संसद पहुंचें और इस मामले में फॉरेंसिक साक्ष्य के तौर पर कनस्तरों को जब्त कर लिया गया है.
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