प्राइम वीडियो ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बाल कलाकारों का सफर दर्ज करने वाली बेमिसाल ओरिजिनल डॉक्यूसीरीज, फर्स्ट एक्ट का ऐलान किया

भारत के सबसे पसंदीदा मनोरंजन गंतव्य, प्राइम वीडियो ने आज अपनी ओरिजिनल डॉक्यूसीरीज, फर्स्ट एक्ट को लॉन्च करने का ऐलान किया है। यह सीरीज, हिंदी टीवी एवं फिल्म इंडस्ट्री में बाल कलाकारों और उनके माता-पिता के अनुभवों को कालक्रम के अनुसार दर्ज करती चलती है। मालाकॅान मोशन पिक्चर्स के बैनर तले दीपा भाटिया द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित, फर्स्ट एक्ट एक दमदार डॉक्यूसीरीज है। सीरीज में उस माहौल की सोचने पर मजबूर कर देने वाली झलक पेश की गई है, जिसमें बाल कलाकारों से परफॉर्म करने की अपेक्षा की जाती है, और उन बाधाओं का चित्रण भी किया गया है जो बाल कलाकारों की फेमिली के सपनों के साथ-साथ खुद उनकी तमन्नाएं पूरी करने की कोशिश में पैदा हो जाती हैं। यह बच्चों को सुरक्षित बनाए रखने में माता-पिता और इंडस्ट्री, दोनों के द्वारा निभाई गई गंभीर भूमिका को हाईलाइट करती है, और बच्चों के लिए एक सुरक्षित और संतुलित बचपन मुहैया कराने की अहमियत पर जोर देती है। अमोल गुप्ते इस सीरीज के क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं। डॉक्यूसीरीज का प्रीमियर विशेष रूप से प्राइम वीडियो पर भारत और दुनिया भर के 240 से ज्यादा देशों व क्षेत्रों में 15 दिसंबर को अंग्रेजी सबटाइटल्स के साथ हिंदी में होने जा रहा है। फर्स्ट एक्ट प्राइम मेम्बरशिप के साथ जोड़ी गई नवीनतम पेशकश है। भारत में मौजूद प्राइम मेम्बर, मात्र ₹1499/वर्ष के भुगतान वाली एक ही सदस्यता में बचत, सुविधा और मनोरंजन का आनंद लेते हैं।

यह सीरीज- सारिका, जुगल हंसराज, परज़ान दस्तूर और दर्शील सफारी जैसे चाइल्ड आर्टिस्ट से एक्टर बन चुकी हस्तियों का बारीक नजरिया पेश करती है। इसके अलावा, सीरीज में उन मशहूर फिल्म निर्माताओं की सूझबूझ भी जाहिर की गई है, जिन्होंने अपने करियर के दौरान जैसे शूजीत सरकार और अमोल गुप्ते, साथ ही मुकेश छाबड़ा, हनी त्रेहान और टेस जोसेफ जैसे कास्टिंग निर्देशक, उद्योग में बाल कलाकारों के साथ काम करने की गतिशीलता पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।

“प्राइम वीडियो ने सिनेमा मरते दम तक, रेनबो रिश्ता और डांसिंग ऑन द ग्रेव सहित अनेक दिलचस्प व प्रासंगिक विषयों पर असरदार डॉक्यूसीरीज प्रस्तुत की है, जिन्हें हमारे दर्शकों ने बेहद पसंद किया है। फर्स्ट एक्ट को पेश करते हुए हमें गर्व महसूस हो रहा है, जो भारत में बाल कलाकारों के जीवन पर प्रकाश डालती है और उनके सामने रोजाना दरपेश होने वाली चुनौतियों और दबावों को उजागर करती है। डॉक्यूसीरीज का नैरेटिव बांध कर रखता है, जिसमें इन बाल कलाकारों की रखवाली करने वालों के रूप में माता-पिता तथा फिल्म व टेलीविजन इंडस्ट्री के द्वारा निभाई गई भूमिका को जांचा-परखा गया है,”- यह कहना है प्राइम वीडियो के ओरिजिनल्स (भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया) की हेड अपर्णा पुरोहित का। उन्होंने आगे बताया- “जब हमने कहानी की शुरुआती बातचीत सुनी, तो हम इसकी गहराई में उतरने को बेताब हो उठे, क्योंकि हमने सब्जेक्ट की प्रासंगिकता पहचान ली थी। यह पहला मौका है कि इंडियन एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बाल कलाकारों की दास्तान सुनाने का प्रयास किया जा रहा है और हम वाकई मानते हैं कि ऐसी कहानियां दिखाई ही जानी चाहिए। यह मालाकॅान मोशन पिक्चर्स के साथ हुई हमारी पहली सहभागिता भी है, जिसके जरिए हम एक साझा विजन परोसने को लेकर रोमांचित हैं।“

“यह एक ऐसा प्रोजेक्ट था जो काफी अरसे से मेरे पास रखा हुआ था। चाइल्ड एक्टर इंडियन फिल्म एवं टेलीविजन इंडस्ट्री का अभिन्न अंग हैं, और कई खूबसूरत कहानियां उनके बिना इतनी असरदार नहीं बन पातीं”- यह कहना है डाइरेक्टर दीपा भाटिया का। वह आगे कहती हैं- “हालांकि, इन बाल कलाकारों को कई अलग-अलग किस्म की चुनौतियां झेलनी पड़ती हैं, जिन्हें साझा करना मुझे जरूरी लगा। मैं यह देख कर बेहद खुश हुई कि बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू करने वाले प्रोफेशनल एक्टर इस प्रोजेक्ट का साथ देने के लिए आगे आए; फिल्मी दिग्गजों ने तो बढ़-चढ़ कर अपना समर्थन दिया ही है। मेरे खयाल से, इस डाक्यूमेंटरी को देखना और बाल कलाकारों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझना माता-पिता, शिक्षकों और फिल्म निर्माताओं के खास हित में होगा, ताकि वे हस्तक्षेप कर सकें और जहां भी मुमकिन हो, चीजों को बेहतर बना सकें। मैं यह देखने को बेताब हूं कि प्राइम वीडियो के दम पर वैश्विक दर्शकों तक पहुंचने के साथ यह डॉक्यूसीरीज कितना और कैसा असर पैदा करेगी।

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